सीहोर में लोगों का ‘गुस्सा’ फूटा, विकास नहीं होने पर विधायक और मंत्री को घेरा, फिर…

मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में सोमवार को आम जनता का आक्रोश सड़कों पर साफ दिखाई दिया। लोगों ने क्षेत्र में विकास कार्यों की कमी को लेकर बीजेपी नेताओं को घेर लिया और उनसे तीखे सवाल पूछे। यह घटनाएं दो अलग-अलग स्थानों पर हुईं, जिनमें पहले आष्टा विधायक गोपाल सिंह और फिर राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा को ग्रामीणों के गुस्से का सामना करना पड़ा। दोनों नेताओं से लोगों ने विकास के मुद्दों पर जवाब मांगा, लेकिन उन्हें संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। इन घटनाओं के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं।

मंत्री का काफिला रोका, महिलाओं ने जताया विरोध

पहली घटना इछावर के खैरी गांव की है, जहां मंत्री करण सिंह वर्मा जल गंगा संवर्धन अभियान के समापन समारोह में भाग लेने पहुंचे थे। जब उनका काफिला गांव से गुजर रहा था, तब नाराज ग्रामीणों ने उसे रोक लिया। लोगों का आरोप था कि मंत्री ने खेरी और जामली गांव के बीच सड़क बनवाने का चुनावी वादा किया था, लेकिन साल भर बीत जाने के बावजूद कोई काम शुरू नहीं हुआ है। प्रदर्शन करने वालों में महिलाएं भी शामिल थीं, जिन्होंने मंत्री से सवाल पूछे और जवाब न मिलने पर नाराजगी जताई। हालांकि बाद में पुलिस ने भीड़ को हटाकर काफिले को आगे बढ़ाया।

विधायक गोपाल सिंह से भी लोगों ने जताई नाराजगी

दूसरी घटना आष्टा के भूपोड़ गांव की है, जहां विधायक गोपाल सिंह अपने कार्यालय के पास जनसुनवाई कर रहे थे। तभी वहां मौजूद ग्रामीणों ने उनसे विकास कार्यों को लेकर सवाल-जवाब शुरू कर दिए। ग्रामीणों का कहना है कि विधायक ने एक साल पहले भूपोड़ गांव को गोद लिया था, लेकिन आज तक कोई ठोस विकास कार्य नहीं हुआ है। सड़क, पानी, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं की स्थिति आज भी जस की तस बनी हुई है। इस बहस का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

डिंडोरी में पानी-बिजली की समस्या को लेकर सड़क जाम

इधर, डिंडोरी जिले के किसलपुरी गांव में भी लोग विकास कार्यों की कमी से परेशान होकर सड़क पर उतर आए। पानी और बिजली की समस्या से नाराज लोगों ने खाली बर्तन रखकर मंडला जाने वाली सड़क जाम कर दी। प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों को हटाने के लिए प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी। स्थानीय अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को समझाया और आश्वासन देकर सड़क खाली करवाई।

जनता का गुस्सा, नेताओं के लिए चेतावनी

इन घटनाओं से साफ है कि ग्रामीण अब वादों पर नहीं, जमीन पर काम चाहते हैं। बार-बार आश्वासन और घोषणाएं सुनकर थक चुकी जनता अब जवाब मांग रही है। यह घटनाएं सरकार और नेताओं के लिए एक चेतावनी हैं कि अगर समय रहते विकास कार्यों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो जनता का गुस्सा और भी बढ़ सकता है।