मध्य प्रदेश की राजनीति में उस वक्त हड़कंप मच गया जब राज्य की आदिवासी मामलों की मंत्री संपतिया उइके पर 1000 करोड़ रुपये के कमीशन घोटाले का गंभीर आरोप लगा। यह आरोप किसी और ने नहीं बल्कि पूर्व विधायक किशोर समरीते ने लगाया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 12 अप्रैल 2025 को एक चिट्ठी भेजी, जिसमें उन्होंने जल जीवन मिशन में मंत्री के भ्रष्टाचार की जानकारी दी।
क्या है पूरा मामला?
किशोर समरीते के अनुसार, जल जीवन मिशन के तहत राज्य को केंद्र सरकार से 30 हजार करोड़ रुपये मिले थे, जिसमें से मंत्री संपतिया उइके ने 1000 करोड़ रुपये कमीशन के तौर पर लिए। साथ ही मंडला जिले के एक इंजीनियर का भी नाम इस घोटाले में सामने आया है। आरोप है कि मंत्री और इंजीनियर ने मिलकर बड़े पैमाने पर घोटाला किया और अपनी संपत्ति बढ़ाई।
जांच के आदेश, 7 दिन में रिपोर्ट
शिकायत मिलते ही लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग हरकत में आया और विभाग के प्रमुख अभियंता संजय अधवान ने सभी मुख्य अभियंताओं को निर्देश दिया कि वे 7 दिन के भीतर इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट पेश करें। साथ ही, केंद्र सरकार ने राज्य से जल जीवन मिशन के अंतर्गत दिए गए 30 हजार करोड़ रुपये की जांच करने को भी कहा है।
विपक्ष का सरकार पर तीखा हमला
इस पूरे मामले पर विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। विधानसभा में उप नेता हेमंत कटारे ने कहा कि मंत्री पर गंभीर आरोप लगे हैं, इसलिए उन्हें तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने मांग की कि इस घोटाले की जांच सीबीआई से कराई जाए और कोर्ट की निगरानी में हो। कटारे ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने कार्रवाई नहीं की तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे और विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठाएंगे।
सरकार की बढ़ी मुश्किलें
इस घोटाले ने शिवराज सरकार को असहज स्थिति में ला दिया है। जहां एक ओर केंद्र सरकार ने भी नजरें टेढ़ी कर ली हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्ष इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाकर सरकार को घेरने की तैयारी में है। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि जांच में क्या निकलकर सामने आता है और क्या मंत्री पर कोई ठोस कार्रवाई होती है।