आजकल की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में हम सभी दिनभर की भागदौड़ और तनाव से थककर जब रात को बेड पर पहुंचते हैं, तो बस एक ही उम्मीद होती है— चैन की नींद। लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हें नींद का इंतज़ार करते-करते आधी रात बीत जाती है। कुछ को नींद आती ही नहीं, और कुछ की आंखें बार-बार खुल जाती हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है, तो इसे हल्के में न लें। ये संकेत हो सकते हैं स्लीप डिसऑर्डर के।
क्या होता है स्लीप डिसऑर्डर?
जब आपकी नींद का चक्र (sleep cycle) बिगड़ जाता है और नींद पूरी नहीं हो पाती, तो उसे स्लीप डिसऑर्डर कहा जाता है। नींद अच्छी न होना आपकी शारीरिक और मानसिक सेहत दोनों पर बुरा असर डालता है। स्लीप डिसऑर्डर कई तरह के होते हैं, और ये कई कारणों से हो सकते हैं—जैसे तनाव, खराब लाइफस्टाइल, खानपान की गड़बड़ी या फिर कोई हेल्थ कंडीशन। जानिए कौन-कौन से स्लीप डिसऑर्डर कर सकते हैं आपकी नींद खराब
1. इंसोमनिया (Insomnia)
यह सबसे आम नींद की बीमारी है। इसमें व्यक्ति को नींद आने में दिक्कत होती है या फिर बार-बार नींद टूटती है।
क्रॉनिक इंसोमनिया: अगर यह समस्या एक महीने से ज़्यादा बनी रहे तो यह गंभीर हो सकती है।
एक्यूट इंसोमनिया: यह कुछ दिनों या हफ्तों तक ही रहती है और आमतौर पर तनाव, चिंता या समय परिवर्तन की वजह से होती है।
2. स्लीप एपनिया (Sleep Apnea)
इसमें नींद के दौरान सांस बार-बार रुकती है।
व्यक्ति जोर से खर्राटे ले सकता है
सांस रुकने पर अचानक नींद खुल जाती है
दिनभर थकान, सिरदर्द और ध्यान की कमी महसूस होती है
3. रेस्टलेस लेग सिंड्रोम (Restless Leg Syndrome)
इसमें सोते समय पैरों में जलन, झनझनाहट या बेचैनी महसूस होती है। व्यक्ति बार-बार पैर हिलाने लगता है, जिससे नींद टूटती है। ये स्थिति और भी ज्यादा परेशान करती है जब व्यक्ति थका होता है या सोने की कोशिश करता है।
क्या करें इलाज?
सोने से पहले मोबाइल या स्क्रीन से दूर रहें
रोज़ाना एक ही समय पर सोने और जागने की आदत बनाएं
हल्का और समय पर डिनर करें
स्ट्रेस कम करने के लिए मेडिटेशन और योग अपनाएं
अगर स्थिति ज्यादा बिगड़ रही है, तो डॉक्टर से परामर्श जरूर लें