IIM Indore में नए सत्र की शुरुआत, महिला छात्रों की ऐतिहासिक भागीदारी ने रचा नया कीर्तिमान

IIM Indore ने शैक्षणिक सत्र 2025–26 के लिए अपने नए बैचों का शुभारम्भ 1 जुलाई, 2025 को किया। इस वर्ष कुल 650 प्रतिभागियों ने प्रवेश लिया है, जो पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (PGP), पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट (PGP-HRM), इंटीग्रेटेड प्रोग्राम इन मैनेजमेंट – चतुर्थ वर्ष (IPM-IV), और डॉक्टोरल प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (DPM) में शामिल हुए हैं। नए बैच का उद्घाटन आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमांशु राय ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में महू आर्मी वॉर कॉलेज के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल हरजीत सिंह साही उपस्थित रहे।

प्रो. हिमांशु राय ने नवप्रवेशित प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे अपनी शैक्षणिक यात्रा की शुरुआत स्पष्ट उद्देश्य, दृष्टिकोण और सहानुभूति के साथ करें। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि वे यह समझें कि वे यहां क्यों आए हैं, और अपने जीवन का एक स्पष्ट व्यक्तिगत विजन निर्धारित करें। उन्होंने विचारों के प्रति खुलेपन पर बल देते हुए नए बैच से अनुरोध किया कि वे विविध दृष्टिकोणों को सुनें, समझें और नई सोच को अपनाएं। आत्मचिंतन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, प्रो. राय ने छात्रों को सलाह दी कि सफलता को अपने स्वयं के मापदंडों पर परिभाषित करें, न कि बाहरी अपेक्षाओं पर। साहसी बनें, और रास्तों पर आगे बढ़ने और असफलता से न डरें। उन्होंने कहा, “आप केवल एक डिग्री प्राप्त करने के लिए नहीं अपितु स्वयं को खोजने और समाज में बदलाव लाने के लिए आईआईएम इंदौर आए हैं।” उन्होंने विद्यार्थियों को सहानुभूति की भावना को अपनाने और एक सहायक तथा समावेशी शैक्षणिक समुदाय का निर्माण करने के लिए प्रेरित किया।

मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल हरजीत सिंह साही, कमांडेंट, आर्मी वॉर कॉलेज, महू, ने प्रतिभागियों को नेतृत्व, साहस और उत्तरदायित्व पर केंद्रित एक प्रेरक संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि आज का कार्यपरिवेश केवल तकनीकी कौशल नहीं, बल्कि स्पष्ट दृष्टि, भावनात्मक बुद्धिमत्ता और नैतिक मूल्यों की माँग करता है। उन्होंने सैन्य नेतृत्व के मूल सिद्धांतों पर प्रकाश डाला—प्रेरित करना, सशक्त बनाना, सहानुभूति के साथ नेतृत्व करना, और सेवा एवं कर्तव्य को सर्वोपरि रखना। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे केवल अच्छे प्रबंधक नहीं, बल्कि संवेदनशील नागरिक बनें, जो उदाहरण प्रस्तुत कर नेतृत्व करें।

उन्होंने कहा, “सच्चा नेतृत्व वही है जिसमें आप जिम्मेदारी लें, अपने साथियों को समझें और हर परिस्थिति में सही निर्णय लेने का साहस रखें।” लेफ्टिनेंट जनरल साही ने प्रो. हिमांशु राय के नेतृत्व की सराहना की और आईआईएम इंदौर की उल्लेखनीय प्रगति को अत्यंत प्रशंसनीय बताया। उन्होंने कहा कि आर्मी वॉर कॉलेज और आईआईएम इंदौर के बीच संबंध वर्षों से मजबूत होते गए हैं, जो अनुशासन, प्रतिबद्धता और उत्कृष्टता जैसे साझा मूल्यों पर आधारित हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आईआईएम इंदौर के छात्र भविष्य में भी राष्ट्र निर्माण में सकारात्मक नेतृत्व, सहयोग और निरंतर सीखने के माध्यम से योगदान देते रहेंगे।

समावेशिता और समानता की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए, आईआईएम इंदौर ने इस वर्ष लैंगिक और शैक्षणिक विविधता के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। संस्थान के प्रमुख कार्यक्रम पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम (PGP) में इस बार महिलाओं की भागीदारी 53.72% है, जो इतिहास में पहली बार पुरुष प्रतिभागियों से अधिक है। वहीं, पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट (PGP-HRM) में इस वर्ष 100% महिला प्रतिभागी हैं। संस्थान की शैक्षणिक समावेशिता को और प्रबल करते हुए, इस वर्ष PGP के 54.6% और PGP-HRM के 88.24% प्रतिभागी गैर-इंजीनियरिंग पृष्ठभूमियों से आते हैं। यह दर्शाता है कि आईआईएम इंदौर विविध शैक्षणिक क्षेत्रों से प्रबंधन प्रतिभा को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

आईआईएम इंदौर के पीजीपी 2025–27 बैच ने संस्थान के इतिहास में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है, जहाँ पहली बार महिला प्रतिभागियों की संख्या पुरुषों से अधिक है और बैच में 53.72% प्रतिभागी महिलाएं हैं। यह केवल लिंग समावेशिता ही नहीं, बल्कि अकादमिक विविधता में भी एक नया कीर्तिमान है। इस वर्ष पीजीपी बैच के 54.6% प्रतिभागी गैर-इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि से हैं, जबकि 45.4% इंजीनियरिंग क्षेत्र से आते हैं, जिससे कक्षा में विचारों और अनुभवों की समृद्ध विविधता सुनिश्चित होती है।

शैक्षणिक पृष्ठभूमियों में इंजीनियरिंग/टेक्नोलॉजी (126), मैनेजमेंट (65), कॉमर्स (54), अर्थशास्त्र (42), और कंप्यूटर साइंस (59) जैसे विषय प्रमुख हैं। इसके अतिरिक्त कानून, फैशन, मनोविज्ञान, जीवविज्ञान, साहित्य एवं अन्य विषयों से भी छात्रों की भागीदारी इस बैच को बहुआयामी बनाती है।

भौगोलिक विविधता के दृष्टिकोण से महाराष्ट्र (65) से सर्वाधिक और फिर उत्तर प्रदेश (63) और दिल्ली (48) से उल्लेखनीय प्रतिनिधित्व है। खास बात यह है कि संस्थान में मध्य प्रदेश से 40 प्रतिभागियों ने इस वर्ष प्रवेश लिया है, जो राज्य के युवाओं की प्रबंधन शिक्षा में बढ़ती रुचि और संस्थान के प्रति विश्वास को दर्शाता है। इसके अतिरिक्त, बैच के 34.3% प्रतिभागी पहले से कार्यानुभव रखते हैं, जिससे यह बैच शैक्षणिक नवागंतुकों और अनुभवी पेशेवरों का एक संतुलित और सशक्त मिश्रण प्रस्तुत करता है।

पीजीपी-एचआरएम (PGP-HRM) बैच भी उल्लेखनीय शैक्षणिक विविधता को दर्शाता है, जिसमें 88.24% प्रतिभागी (45 छात्राएं) गैर-इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि से हैं और 11.76% (6 छात्राएं) इंजीनियरिंग से संबंधित हैं। शैक्षणिक अनुशासन की दृष्टि से यह बैच अत्यंत बहुविध है, जिसमें कॉमर्स (15), प्रबंधन अध्ययन (8), अर्थशास्त्र (4), वनस्पति विज्ञान (3), और साहित्य (3) जैसे विषयों का सशक्त प्रतिनिधित्व है। यह एचआरएम कार्यक्रम की अंतरविषयक (interdisciplinary) प्रकृति को दर्शाता है।

कार्य अनुभव के संदर्भ में, 33.33% छात्राएं (17 प्रतिभागी) पूर्व व्यावसायिक अनुभव के साथ हैं, जिससे कक्षा में व्यावहारिक दृष्टिकोण और गहराई जुड़ती है; वहीं 34 छात्राएं फ्रेश ग्रेजुएट हैं।

भौगोलिक दृष्टि से भी यह बैच अत्यंत विविध है। 17 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से छात्राएं इस कार्यक्रम का हिस्सा बनी हैं। इनमें उत्तर प्रदेश (6), दिल्ली (6), महाराष्ट्र (6), असम (3), झारखंड (3), और तेलंगाना (3) प्रमुख हैं। यह दर्शाता है कि आईआईएम इंदौर का यह कार्यक्रम भारत के विभिन्न क्षेत्रों से प्रतिभाओं को आकर्षित करता है और संस्थान की समावेशी शैक्षणिक सोच को बल देता है।

समारोह के दौरान, पीजीडीपी-प्रथम वर्ष और आईपीएम-चतुर्थ वर्ष के संयुक्त बैच के शीर्ष 5% छात्रों को कुल 31 सर्टिफिकेट ऑफ एकेडमिक एक्सीलेंस प्रदान किए गए। साथ ही, पीजीपी-एचआरएम की दो प्रतिभागियों को भी उनकी उत्कृष्ट अकादमिक उपलब्धियों के लिए यह सम्मान प्रदान किया गया।

ग्रामीण विकास में छात्रों के योगदान को मान्यता देते हुए संस्थान ने अपनी प्रमुख ग्रामीण सहभागिता परियोजना (Rural Engagement Programme – REP) के अंतर्गत चयनित रिपोर्टों को भी सम्मानित किया। शिक्षा में समान अवसर और समावेशन को और बढ़ावा देते हुए, आईआईएम इंदौर ने नीड-बेस्ड फाइनेंशियल असिस्टेंस (NBFA) मेरिट अवार्ड की घोषणा की। पीजीपी-1/आईपीएम-4 श्रेणी में सुश्री अर्चना चौधरी को ₹10,00,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की गई, जबकि पीजीपी-एचआरएम-1 श्रेणी में सुश्री प्रिशा गर्ग को ₹8,00,000 की सहायता दी गई। ये पुरस्कार संस्थान की इस प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं कि आर्थिक सीमाएं किसी प्रतिभाशाली छात्रा के शैक्षणिक लक्ष्यों में बाधा न बनें।

दीक्षांत समारोह का समापन शैक्षणिक सहयोग, डिजिटल संसाधनों, संस्थागत अवसंरचना और विभिन्न परिसर पहलों की विस्तृत जानकारी के साथ हुआ। ऐतिहासिक महिला भागीदारी और अभूतपूर्व विविधता के साथ, आईआईएम इंदौर का 2025 बैच कारोबार और समाज में सार्थक प्रभाव डालने के लिए तैयार है।