भारतीय राजनीति के जीते-जागते इतिहास और भाजपा के पथ प्रदर्शक नेता नारायण सिंह केसरी ने अपने 100वें जन्मदिन पर न सिर्फ एक सदी पूरी की, बल्कि आज की राजनीति पर भी खरी-खरी सुनाई। केसरी ने कहा कि “अब राजनीति सेवा नहीं, फैशन और दिखावे का मंच बन गई है। पार्टी के लिए निष्ठा कम हो रही है और मलाई की लालसा ज़्यादा बढ़ गई है।”
इस विशेष मौके पर पार्टी के कई वरिष्ठ नेता, कार्यकर्ता और परिजन उनसे आशीर्वाद लेने पहुंचे। नारायण सिंह केसरी उन विरले नेताओं में हैं, जिन्होंने भारतीय जनसंघ से लेकर भाजपा तक के सफर को नज़दीक से देखा और जिया है। वे अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, रामनाथ कोविंद जैसे दिग्गजों के करीबी रहे हैं और आज भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विचारधारा की डोर से जुड़े हुए हैं।
हर नेता जानता था कार्यकर्ता का नाम
केसरी ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “पहले के नेता हर कार्यकर्ता को नाम से जानते थे, आज सिर्फ चेहरा दिखता है और पोज बनती है।” उन्होंने दल-बदल करने वाले नेताओं पर करारा तंज कसते हुए कहा, “अब मलाई ज़्यादा है, इसलिए निष्ठा कम है। कोई मेहनत नहीं करना चाहता। कभी पोस्टमैन की नौकरी करने वाले केसरी ने सब कुछ छोड़कर जनता की सेवा को अपना धर्म बनाया।
राजनीति पेशा नहीं, एक सेवा है
राजनीति में कदम रखने के बाद वे दो बार विधायक और 12 साल राज्यसभा सांसद रहे। उनका राजनीतिक जीवन अनुशासन, समर्पण और विचारधारा की मिसाल है। आज जब देश में राजनीति बदल रही है, केसरी जैसे नेता याद दिलाते हैं कि यह पेशा नहीं, एक सेवा है। सौ साल के इस प्रेरणादायी सफर में केसरी सिर्फ उम्र के नहीं, अनुभव और ईमानदारी के भी शतकवीर बन चुके हैं।