रतलाम जिले के धामनोद में आम जनता और जनप्रतिनिधियों ने प्रशासनिक अनदेखी और मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी के खिलाफ अपना आक्रोश प्रकट करने का अनोखा तरीका अपनाया है। यहां पर जनसुनवाई में पहुंचे ग्रामीणों की समस्या जब अधिकारियो ने नहीं सुनी तो ग्रामीणों ने श्वान को फूलों की माला पहना कर समस्या का ज्ञापन सौंपा जो कि निठल्ले अधिकारियो पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह लगा गया।
कुत्ते को सुनाई समस्याएं, जारी की प्रेस रिलीज
धामनोद गांव के ग्रामीण अपनी समस्याओ को लेकर नगर पंचायत भवन पहुंचे थे। इसके बाद यहां पर ग्रामीणों ने एक-एक कर सीएमओ पूजा गोयल को समस्या बताना शुरू किया. लेकिन ग्रामीणों की समस्या का समाधान किए बिना ही सीएमओ नाराज होकर मौके से चली गईं, जिसके बाद ग्रामीण भी भड़क गए और दफ्तर के बाहर घूम रहे कुत्ते को ही माला पहनाकर ज्ञापन सौंप दिया. ग्रामीणों ने बाकायदा कुत्ते को ज्ञापन पढ़कर भी सुनाया और फोटो सेशन कर प्रेस रिलीज भी जारी की।
जिम्मेदार मुंह मोड़ रहे
धामनोद में नगर के लोगों ने चौक पर एकत्र होकर श्वान को प्रतीकात्मक रूप से ज्ञापन सौंपा। इसमें लिखा गया कि परिषद के अधिकारी और कर्मचारी अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन ठीक से नहीं हो रहा है और केवल कुछ आवेदन ही स्वीकृत किए गए हैं। स्वजनों के नाम पर मकान होने पर भी पात्रों को लाभ नहीं मिल रहा। ज्ञापन में नगर की सीसी रोड, अधोसंरचना विकास और आपदा प्रबंधन फंड से हो रहे निर्माण कार्यों में भारी अनियमितताएं और वार्ड 10, 11 और 12 में जर्जर नालियों, खराब सड़कें और पानी की आपूर्ति को लेकर आरोप लगाया गया।
स्कूल भवन में हादसे का डर
बड़ावदा जिले की जावरा तहसील के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत ललियाना के शासकीय स्कूल की हालत काफी दयनीय हो रही है। छत का प्लास्टर उखड़ चुका है और सरिये दिखने लगे हैं, वहीं दीवारें कमजोर हो गई। भवन खंडहर के रूप में तब्दील हो रहा है। इसके बावजूद यहां कक्षाएं संचालित की जा रही है। जर्जर भवन से बच्चों को हर समय खतरे का अंदेशा बना रहता है। जिम्मेदारों की अनदेखी से कभी भी अनहोनी हो सकती है। कक्षा पहली से आठवीं तक संचालित हो रहे इस स्कूल में लगभग 135 छात्र पढ़ते हैं। स्कूल में 6 शिक्षक है। इनमें तीन स्थाई शिक्षक व तीन अतिथि शिक्षक है। 2008 में स्वीकृति मिलने के लगभग 5 साल बाद निर्माण कार्य चला। वर्ष 2013 में इस भवन का लोकार्पण कर स्कूल संचालित किया गया। भवन वर्ष 2020 में ही जर्जर हो गया। इसकी शिकायत ग्रामवासियों ने कलेक्टर, शिक्षा विभाग सहित सीएम हेल्पलाइन पर की, परंतु नतीजा शून्य रहा। ऐसे में जर्जर भवन में स्कूल का संचालन करना गलत है। अगर किसी प्रकार की जनहानि हुई तो उसका जिम्मेदार कौन होंगा।