मध्यप्रदेश में इंदौर के एक सरकारी स्कूल में चौथी कक्षा की करीब दो दर्जन छात्राओं के शोषण का सनसनीखेज मामला सामने आया है। परिजनों ने आरोप लगाया कि स्कूल के दो टीचर्स बच्चियों से अश्लील बातें करते थे, मारपीट करते थे और मानसिक उत्पीड़न करते थे। शिकायत के बाद एसडीएम द्वारा कराई गई जांच में आरोप सही पाए गए। रिपोर्ट में दोनों टीचर्स को मानसिक रूप से विकृत बताया गया और तत्काल बर्खास्त करने की अनुशंसा की गई।
मामला मई 2019 में पुलिस और एसपी तक पहुंचा, लेकिन FIR दर्ज नहीं हुई। इसके बाद RTI एक्टिविस्ट ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में शिकायत भेजी। PMO ने मामले को गंभीर मानते हुए राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की है। इंदौर के एक ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी स्कूल में यह वारदात हुई। यहां चौथी क्लास की छात्राओं का शोषण किया गया। पालकों ने शिक्षकों से पाक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग की। महिला थाना और एसपी तक शिकायत पहुंचाई तब भी एफआइआर दर्ज नहीं की गई। इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) तक शिकायत भेजी गई।
टीचर्स को बताया मानसिक रूप से विकृत
एसडीएम ने अपनी जांच रिपोर्ट में दोनों आरोपी टीचर्स को मानसिक रूप से विकृत बताया। दोनों को तुरंत बर्खास्त करने की अनुशंसा भी की। एसडीएम ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा कि दोनों टीचर स्कूल की छात्राओं से अनुचित व्यवहार करते थे, वे अपने पद की गरिमा भी भूल गए। जांच रिपोर्ट में दोनों टीचर्स को बाउंडओवर करने की भी बात कही गई।
PMO ने राज्य सरकार से जवाब मांगा
इतने गंभीर आरोपों के बाद भी टीचर्स पर कार्रवाई नहीं होने पर एक RTI एक्टिविस्ट ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को शिकायत भेजी। PMO ने मामले को बेहद गंभीर बताते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
शिकायतकर्ताओं ने बताया कि मई 2019 में मामले की शिकायत खुडै़ल पुलिस थाना, इंदौर महिला थाना और पुलिस अधीक्षक को की थी। टीचर्स की गंदी हरकतों का ब्यौरा सबूतों के साथ दिया गया था। दोनों टीचर छात्राओं से भद्दी बातें करते थे, बाल खींचते और चांटे मारते थे। तत्कालीन एसडीएम ने जांच के बाद आरोपी टीचर्स को बर्खास्त करने की अनुशंसा की लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
शिक्षकों पर नहीं की कार्रवाई
कक्षा चौथी की छात्रओं के साथ गंदी हरकतें करने वाले आरोपियों से 1-1 लाख रुपए का बांड भरवाकर छोड़ दिया गया। इसके बाद भी दोनों टीचर्स की गंदी हरकतें और बढ़ गईं। तब मामले की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय पीएमओ में की गई। अभिभावकों के अधिवक्ता केके कुन्हारे ने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय से मध्यप्रदेश सरकार के सीएम हेल्पलाइन के डायरेक्टर संदीप अस्थाना को जांच और आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देश दिए गए हैं।