सम्राट चौधरी : बिहार के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि जीएसटी वस्तु और सेवा कर की शुरुआत का विचार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दिया था, लेकिन पहले की सरकारें इसे लागू नहीं कर सकीं। 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे लागू किया और एक देश, एक कर की सोच को साकार किया। पटना में आयोजित 8वें जीएसटी दिवस कार्यक्रम में बोलते हुए चौधरी ने बताया कि जीएसटी लागू होने से पहले बिहार जैसे गैर-उद्योग राज्य को ज्यादा टैक्स लाभ नहीं मिल पाता था।
अब पारदर्शी और डिजिटल प्रक्रिया से राज्य को हर साल करीब 30,000 करोड़ रुपये का फायदा हो रहा है। 2017-18 में टैक्स संग्रह 20,000 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 41,623 करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने इस सफलता का श्रेय राज्य के मेहनती और ईमानदार अधिकारियों को दिया।
जीएसटी दिवस पर सम्मानित हुए प्रमुख करदाता
समारोह में उपमुख्यमंत्री ने राज्य के बड़े टैक्स देने वालों को सम्मानित किया और भामाशाह सम्मान योजना की शुरुआत की। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने 5,083 करोड़, भारत पेट्रोलियम ने 2,572 करोड़, हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने 1,885 करोड़, एनटीपीसी ने 606 करोड़ रुपये का टैक्स भरा। निजी कंपनियों में अल्ट्राटेक सीमेंट ने 303 करोड़ और अन्य सीमेंट कंपनियों ने 255 करोड़ रुपये का भुगतान किया। उपमुख्यमंत्री ने इन सभी कंपनियों को धन्यवाद दिया और कहा कि इनका योगदान राज्य के औद्योगिक विकास की रफ्तार को दिखाता है।
नॉन-कॉरपोरेट करदाताओं को भी मिला सम्मान, SGST संग्रह में अहम योगदान
कार्यक्रम में बिहार के 59 अंचलों से चुने गए नॉन-कॉरपोरेट टैक्स देने वालों को सम्मानित किया गया। इन्हें ₹51,000, ₹21,000 और ₹11,000 की राशि दी गई। तेघड़ा, भभुआ और दरभंगा-1 अंचल क्रमशः पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। GST लक्ष्य में पटना दक्षिण-1, जमुई और दानापुर-1 को सम्मान मिला। SGST कैश कलेक्शन में बगहा, पटना पश्चिम और गोपालगंज आगे रहे। GST जांच विभाग को भी टैक्स चोरी रोकने के लिए विशेष सम्मान मिला। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि GST देश की आर्थिक रीढ़ बन चुका है।