बसपा प्रमुख मायावती ने कहा- स्कूलों का विलय नहीं, शिक्षा का हक चाहिए

बसपा प्रमुख मायावती : बसपा प्रमुख मायावती ने उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों के विलय को गलत और गरीब विरोधी बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार को यह फैसला तुरंत वापस लेना चाहिए और अगर ऐसा नहीं हुआ तो बसपा की सरकार बनने पर इस फैसले को रद्द कर दिया जाएगा। उन्होंने एक्स पुराना ट्विटर पर लिखा कि यूपी सरकार ने जो स्कूलों के युग्मन यानी विलय का फैसला लिया है, वह असल में कई स्कूलों को बंद करने जैसा है। यह फैसला गरीब बच्चों के लिए पास में और सस्ती शिक्षा पाने के हक के खिलाफ है और बिल्कुल भी जरूरी नहीं है।

मायावती की सरकार से अपील

मायावती ने कहा कि सरकार से अपील है कि वह स्कूलों के युग्मन यानी एकीकरण का फैसला गरीब बच्चों के हित में तुरंत वापस ले। अगर सरकार यह फैसला वापस नहीं लेती है, तो बसपा सभी अभिभावकों को भरोसा दिलाती है कि उसकी सरकार बनने पर यह फैसला रद्द कर दिया जाएगा और पुरानी व्यवस्था फिर से लागू की जाएगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि उत्तर प्रदेश सरकार गरीबों और आम लोगों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए इस फैसले को वापस लेने पर गंभीरता से और सहानुभूति के साथ विचार करेगी।

रेल टिकट महंगे होने पर केंद्र सरकार घिरी, विपक्ष ने उठाए सवाल

मायावती ने रेलवे टिकट महंगे करने और बढ़ती महंगाई को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि देश के अधिकतर लोग महंगाई, बेरोजगारी और कम आमदनी से परेशान हैं, ऐसे में रेल किराया बढ़ाना जनहित के खिलाफ है। यह फैसला जनता के भले के बजाय व्यावसायिक सोच का लगता है। उन्होंने सरकार से इस पर दोबारा सोचने की मांग की। उन्होंने कहा कि आज करीब 95 करोड़ लोग किसी न किसी सरकारी योजना पर निर्भर हैं, जो 2016 में सिर्फ 22 प्रतिशत थे। ये आंकड़े सरकार की उपलब्धि नहीं, बल्कि जनता की मजबूरी को दिखाते हैं।