मनीष सिसोदिया : केंद्र सरकार ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को सड़कों से हटाया जाएगा। इससे सिर्फ दिल्ली में करीब 62 लाख वाहन प्रभावित होंगे। दिल्ली सरकार ने इस नियम को सख्ती से लागू किया है। सभी पेट्रोल पंपों को पुराने वाहनों में पेट्रोल-डीजल न भरने का आदेश दिया गया है। अगर कोई ऐसा वाहन पाया जाता है, तो उसे मौके पर जब्त किया जा रहा है और मालिक पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा रहा है।
मनीष सिसोदिया का सरकार पर तीखा हमला
आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि केवल पुराने होने के आधार पर गाड़ियों को प्रदूषण फैलाने वाला नहीं कहा जा सकता। उन्होंने बताया कि कई बार नई गाड़ियाँ भी खराब देखभाल के कारण प्रदूषण फैलाती हैं, जबकि सही देखभाल से पुरानी गाड़ियाँ भी ठीक चलती हैं। सिसोदिया ने आरोप लगाया कि सरकार कार कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए यह कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से दिल्ली में 62 लाख गाड़ियाँ सड़कों से हटेंगी, जिससे गरीबों पर 1 से 10 लाख रुपये तक का बोझ पड़ेगा। यह फैसला आम लोगों के खिलाफ है।
आतिशी ने उठाए सवाल– क्या सरकार आम जनता की परेशानी समझती है?
दिल्ली की पूर्व मंत्री आतिशी मारलेना ने कहा कि बीजेपी सरकार का फैसला गलत और बिना तर्क का है। उन्होंने कहा कि किसी गाड़ी की उम्र से यह तय नहीं होता कि वह प्रदूषण फैला रही है। अगर गाड़ी की ठीक से देखभाल की जाए तो वह पुरानी होने पर भी प्रदूषण नहीं करती। उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां सात साल में तीन लाख किलोमीटर चलती हैं, जबकि कुछ 15 साल में भी पचास हजार किलोमीटर नहीं चलतीं। ऐसे में केवल उम्र के आधार पर गाड़ियों को हटाना ठीक नहीं है। यह फैसला गलत और जनविरोधी है।