चुनाव आयोग पहुंचा ‘इंडिया’ गठबंधन, बिहार में मतदाता सूची प्रक्रिया पर जताई चिंता

चुनाव आयोग : इंडिया’ गठबंधन के नेताओं ने बुधवार को दिल्ली में चुनाव आयोग से मुलाकात कर बिहार में मतदाता सूची की विशेष जांच पर आपत्ति जताई। कांग्रेस, राजद, माकपा, भाकपा, माले, राकांपा और सपा समेत 11 दलों ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार से मिलकर कहा कि विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले यह प्रक्रिया उचित नहीं है। यह जांच बिहार में शुरू हो चुकी है और आगे असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और बंगाल में भी की जाएगी।

चुनाव आयोग से बातचीत के बाद सिंघवी का बयान, उठाए अहम मुद्दे

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद कहा कि आयोग के नए नियम, जिसमें सिर्फ पार्टी अध्यक्ष को ही अंदर आने की अनुमति है, ठीक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इससे आयोग और पार्टियों के बीच संवाद कमजोर होगा। सिंघवी ने बताया कि सूची में नाम होने के बावजूद कई वरिष्ठ नेताओं को तीन घंटे बाहर इंतजार करना पड़ा। राजद नेता मनोज झा ने मतदाता सूची की जांच पर चिंता जताई और कहा कि यह लोगों के वोटिंग अधिकार को कमजोर करने की कोशिश लगती है। उन्होंने दस्तावेजों की मांग पर भी सवाल उठाया।

दीपंकर भट्टाचार्य ने जताई चिंता, बोले–

भाकपा (माले) नेता दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि बिहार की करीब 20% आबादी काम के लिए राज्य से बाहर जाती है। उन्होंने सवाल उठाया कि चुनाव आयोग कहता है कि मतदाता को ‘मूल निवासी’ होना चाहिए, तो क्या प्रवासी मजदूरों को वोट देने का हक नहीं है? गरीबों के पास जरूरी दस्तावेज नहीं होते। दूसरी ओर, चुनाव आयोग का कहना है कि उसने यह प्रक्रिया इसलिए शुरू की है ताकि अपात्र नाम हटाए जा सकें और सही लोगों को जोड़ा जा सके। आयोग यह भी सुनिश्चित करना चाहता है कि अवैध प्रवासियों का नाम सूची में न जुड़ सके।