झुग्गी मुक्त होगा एमपी – “‘न्यू अर्बन इंडिया’ की ओर बढ़ता मध्यप्रदेश- सीएम यादव ने तैयार की नई कार्ययोजना

प्रदेश के नगरों में झुग्गी बस्तियों के विस्तार को नियंत्रित करने के उद्देश्य से, लोगों की सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए किफायती और सुविधाजनक आवास सुविधा विकसित करने को अदभूतपूर्व योजना प्रदेश सरकार बनाने का प्रयास कर रही है। इसको लेकर अधिकारियो को कार्य-योजना बनाने के निर्देश दिए गए है। इसके साथ ही नगरीय क्षेत्र में पर्यावरण को भी बेहत्तर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए हर शहर में उद्यानों को विकसित करने के निर्देश दिए गए है। यही सीएम ने विकास प्राधिकरण, हाउसिंग बोर्ड सहित सभी आवासीय परियोजनाओं में पौध-रोपण को प्रोत्साहित करना आवश्यक बताया गया है। प्रदेश के नगरीय विकास की दिशा अब और भी स्मार्ट, हरित और समावेशी बनने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल में नगरीय विकास एवं आवास विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक ली औ सीएम ने नई दूरदर्शी योजनाओं की झलक पेश की। इस बैठक में प्रदेश की झुग्गी बस्तियों से लेकर मेट्रो तक, पर्यावरण से लेकर स्वच्छता तक और आमजन से लेकर लाड़ली बहनों तक हर पहलू पर गहन विचार किया गया।

झुग्गी नहीं, अब मिलेगा सम्मानजनक आवास
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्पष्ट किया है कि झुग्गी बस्तियों का अनियंत्रित विस्तार रोका जाएगा, और इसके बदले किफायती, सुविधाजनक और गरिमामय आवास विकसित किए जाएंगे। यह कार्य योजना समाज के आर्थिक-सामाजिक परिदृश्य को ध्यान में रखकर तैयार की जाएगी। ताकि प्रदेश में रहने वाले हर परिवार के पास स्वयं का पक्का घर हो।

हर मोहल्ले में हरियाली के लिए पौधारोपण
मुख्यमंत्री ने नगरीय क्षेत्रों में उद्यानों और ‘नगर वनों’ के विकास को प्राथमिकता देने की बात कही। साथ ही, उन्होंने हर आवासीय योजना में पौधारोपण को अनिवार्य करने का निर्देश दिया—क्योंकि एक हरित शहर ही स्वस्थ शहर होता है।

बड़ा तालाब के अवैध निर्माण हटाएं
भोपाल के गौरव, बड़ा तालाब, के आसपास के क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माण पर भी अब लगेगा विराम लगेगा इसके साथ ही अवैध निर्माण हटाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने सर्वेक्षण कर इन निर्माणों पर सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए है।

दीनदयाल रसोई में सहयोग करेगी धार्मिक संस्थान
मुख्यमंत्री ने दीनदयाल रसोई योजना के विस्तार की बात करते हुए कहा है कि इसे धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं से जोड़ा जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा ज़रूरतमंदों को गरम, पौष्टिक भोजन मिल सके। इसके साथ ही इसे धार्मिक संस्थाओं से जोड़ने पर ज्यादा फायदा होगा। दानदाताओं को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे अधिक से अधिक लोगों तक भोजन पहुंच सकेगा।

रीडेंसिफिकेशन से बदलेंगे शहरों के चेहरे
शहरो के अत्यधिक विकास को लेकर सीएम ने एक नई योजना तैयार करने की बात कही है। उनका कहना है कि शहर में हाउसिंग को लेकर रीडेंसिफिकेशन योजनाएं लागू की जाएंगी। रीडेंसिफिकेशन का मतलब है किसी क्षेत्र में जनसंख्या घनत्व को बढ़ाना, आमतौर पर पुरानी इमारतों को तोड़कर नई, ऊंची इमारतों का निर्माण किया जाए. ताकि यह शहरी फैलाव को कम करने और मौजूदा बुनियादी ढांचे का अधिक कुशलता से उपयोग करने का एक तरीका है। इसके निर्देश हाउसिंग बोर्ड को विशेष रूप से दिए गए हैं ताकि पुराने क्षेत्रों को नया जीवन दिया जा सके।

फायर ब्रिगेड होगी हाई-टेक
औद्योगिक और नगरीय क्षेत्रों की आकस्मिक घटनाओं से निपटने के लिए अग्निशमन सेवाओं के आधुनिकीकरण की योजना बनाई गई है। आधुनिक फायर सिस्टम जल्द शहरों को और सुरक्षित बनाएंगे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने नमो ट्रेन योजना की घोषणा की, जिससे शहरी क्षेत्रों में रेल संपर्क को और बेहतर बनाया जाएगा। जल्द ही इस योजना के लिए केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से चर्चा होगी।

लाड़ली बहनों को मिलेगा खास घर
प्रदेश की एक करोड़ 30 लाख लाड़ली बहनों को आवासीय सुविधा में विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में अब तक 8.55 लाख घर बन चुके हैं, और दूसरे चरण में 4 लाख से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं।  प्रदेश के 183 नगरीय निकायों में 218 पिंक टॉयलेट संचालित हो रहे हैं। अब स्थानीय स्व-सहायता समूहों को आधुनिक लॉन्ड्री सेवा के लिए वित्तीय सहायता भी दी जाएगी।

इलेक्ट्रिक बस और स्मार्ट सीवरेज
शहरों में इलेक्ट्रिक बसें दौड़ेंगी और 11 हजार करोड़ की लागत से 333 जल-सीवरेज परियोजनाएं शुरू की गई हैं। ये परियोजनाएं नागरिकों की मूलभूत ज़रूरतों को डिजिटल और पर्यावरण के अनुकूल तरीके से पूरा करेंगी। ऑनलाइन नागरिक सेवाओं को और मजबूत किया जाएगा, जिससे जनता को अपने घर बैठे ही प्रमाणपत्र, टैक्स भुगतान, शिकायत समाधान जैसी सेवाएं मिलेंगी।

जल गंगा संवर्धन अभियान
शहरी क्षेत्रों में 36 जल संरचनाओं का पुनर्जीवन हो चुका है और 38 हरित क्षेत्र विकसित किए गए हैं। इसके अलावा, 3963 रेनवॉटर हार्वेस्टिंग संरचनाएं और 30 नालों के शोधन की कार्ययोजना तैयार हो चुकी है। संकल्प-पत्र के अनुसार 2027 तक भोपाल और इंदौर में मेट्रो रेल सेवा का संचालन शुरू हो जाएगा, जिससे आवागमन सुविधाजनक और प्रदूषण रहित होगा।

नगरीय ढांचे में होगा क्रांतिकारी परिवर्तन
मुख्यमंत्री नगरीय अधोसंरचना निर्माण योजना के तहत 1070 करोड़ रुपए की लागत से 1062 परियोजनाएं मंजूर की गई हैं। यह नगरीय ढांचे को नई ऊंचाई देगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस बैठक में जहां हर वर्ग के लिए योजनाएं पेश कीं, वहीं भविष्य के स्मार्ट, सुरक्षित और समावेशी शहरों की नींव भी रख दी। नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी की मौजूदगी में ये सभी निर्णय लिए गए है। सीएम ने यह निर्णय मध्यप्रदेश के शहरों को ‘न्यू अर्बन इंडिया’ की दिशा में लाने के लिए किए है। ताकि प्रदेश विकसित होन के साथ ही यहां रहने वाला हर परिवार प्रदेश में खुशहाली से जीवन व्यतीत कर सके।