Operation Sindoor: भारत के ब्रह्मोस हमले पर पाक पीएम के सहयोगी ने कहा, प्रतिक्रिया देने के लिए सिर्फ 30 सेकंड का समय था

Operation Sindoor:  पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के करीबी सहयोगी और वरिष्ठ नेता राणा सनाउल्लाह ने खुलासा किया है कि भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दागी गई ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल ने पाकिस्तानी सेना को केवल 30 से 45 सेकंड का समय दिया था ताकि यह तय किया जा सके कि मिसाइल में परमाणु हथियार है या नहीं। यह बयान भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के तनावों के दौरान एक संभावित परमाणु संकट की गंभीरता को उजागर करता है।

राणा सनाउल्लाह, जो प्रधानमंत्री के विशेष सहायक हैं, ने एक हालिया साक्षात्कार में कहा, “जब भारत ने नूर खान एयरबेस पर ब्रह्मोस मिसाइल दागी, तो पाकिस्तानी सेना के पास यह पता लगाने के लिए केवल कुछ सेकंड थे कि क्या यह मिसाइल परमाणु हथियार से लैस थी। यह एक बेहद खतरनाक स्थिति थी।” यह हमला 10 मई को रावलपिंडी के चकलाला में स्थित पाकिस्तान वायुसेना के प्रमुख ठिकाने नूर खान एयरबेस पर हुआ था। सनाउल्लाह ने स्वीकार किया कि इस घटना ने पाकिस्तान को घबराहट की स्थिति में डाल दिया था, जिससे परमाणु संघर्ष का खतरा बढ़ गया था।

Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर और ब्रह्मोस की मारक क्षमता

ऑपरेशन सिंदूर भारत द्वारा 7 मई को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। इस ऑपरेशन के तहत भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। 9-10 मई की रात को भारत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का उपयोग करके नूर खान, सरगोधा, भोलारी, जैकबाबाद और अन्य पाकिस्तानी हवाई ठिकानों पर हमले किए, जिससे रनवे, हैंगर और रडार साइट्स को भारी नुकसान हुआ।

भारत और रूस के संयुक्त उद्यम से विकसित और अब स्वदेशी रूप से निर्मित ब्रह्मोस मिसाइल अपनी सटीकता और गति के लिए जानी जाती है। इसकी ‘फायर एंड फॉरगेट’ तकनीक ने पाकिस्तान की चीनी मूल की वायु रक्षा प्रणालियों को चकमा दे दिया, जिससे पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान सकते में आ गया।

Operation Sindoor: परमाणु युद्ध का खतरा और युद्धविराम

सनाउल्लाह ने इस हमले को लेकर कहा, “मैं यह नहीं कह रहा कि भारत ने परमाणु हथियार का उपयोग न करके अच्छा किया, लेकिन उस समय स्थिति की अस्पष्टता के कारण गलत अनुमान एक वैश्विक परमाणु युद्ध को शुरू कर सकता था।” उन्होंने इस तनावपूर्ण स्थिति को शांत करने में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भूमिका की सराहना की और कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इसके लिए ट्रम्प को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया है। हालांकि, भारत ने इस दावे को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि युद्धविराम में किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी, बल्कि पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों ने ही भारत से संपर्क कर तनाव कम करने की पहल की थी।

पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री इशाक डार ने भी दो सप्ताह पहले स्वीकार किया था कि भारत ने दो महत्वपूर्ण हवाई ठिकानों पर हमला किया था, जो पहले पाकिस्तानी सरकार और सेना द्वारा नकारा जा रहा था। सनाउल्लाह ने चेतावनी दी कि नूर खान एयरबेस, जो पाकिस्तान की स्ट्रैटेजिक प्लान्स डिवीजन के मुख्यालय के करीब है, पर हमला एक गलत अनुमान को जन्म दे सकता था, क्योंकि यह क्षेत्र पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के प्रबंधन और सुरक्षा का केंद्र है।