भारतीय संस्कृति के संरक्षण और प्रचार-प्रसार में समर्पित योगदान देने वाले संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सदस्य डॉ. भरत शर्मा को महू और राऊ के वरिष्ठ नागरिकों द्वारा एक गरिमामय समारोह में सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों के उत्थान, सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण, समाज सेवा तथा भारतीय संस्कृति की वैश्विक पहचान को मजबूती देने में किए गए उनके विशिष्ट प्रयासों के लिए प्रदान किया गया।
इस विशेष अवसर पर उन्हें शॉल, पुष्पगुच्छ और उनके पारिवारिक चित्र को एक नवीनतम माइक्रो क्रिस्टल तकनीक से निर्मित कर भेंट किया गया, जो एक अद्वितीय स्मृति चिह्न के रूप में प्रस्तुत किया गया।
सम्मान को समर्पित भावनात्मक संबोधन
समारोह को संबोधित करते हुए डॉ. शर्मा ने इस सम्मान को केवल अपना नहीं, बल्कि हर उस भारतीय का बताया जो अपनी संस्कृति में रच-बस चुका है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति की समृद्ध परंपराएं और जीवन मूल्यों की गहराई ही भारत को “विश्वगुरु” बनाएंगी।
उन्होंने कहा, “हमारे देश की विशेषता यह है कि यहां नारी, प्रकृति, त्याग, विज्ञान और अध्यात्म को समान श्रद्धा से पूजा जाता है। ऐसे राष्ट्र की संस्कृति का वाहक होना गौरव की बात है। मानव सेवा को नारायण सेवा मानना हमारी सनातन परंपरा का मूल है। यदि आप किसी को सही दिशा दिखाते हैं, तो आप उसके जीवन में प्रकाश फैलाते हैं – यही सच्ची सेवा है।”
गरिमामय उपस्थिति और आयोजन की भव्यता
डॉ. शर्मा के इस सम्मान समारोह में शहर की अनेक प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया। एनसीसी विंग के कर्नल अमरसिंह राणा, राऊ दवा विक्रेता संघ के गौरव शर्मा, प्रसिद्ध फैशन एक्सपर्ट उन्नति सिंह, उच्च न्यायालय इंदौर खंडपीठ की अधिवक्ता वंशिका शर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि पूर्वकर सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। इस अवसर पर डॉ. शर्मा के व्यक्तित्व और कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा की गई और भारतीय संस्कृति के प्रति उनकी निष्ठा को प्रेरणादायी बताया गया। यह आयोजन भारतीय परंपरा और मूल्यों के प्रति समाज की आस्था और जुड़े रहने की भावना का सुंदर उदाहरण बन गया।