राजा रघुवंशी मर्डर केस: पुलिस के पास पुख्ता सबूत, CCTV और व्लॉग वीडियो बने जांच की कड़ी, नहीं होगा नार्को टेस्ट

इंदौर के चर्चित ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या के मामले में शिलांग पुलिस ने जांच को लगभग अंतिम चरण में पहुंचा दिया है। पुलिस ने इस केस से जुड़े कई तकनीकी और प्रत्यक्ष साक्ष्य इकट्ठा कर लिए हैं, जिनमें सीसीटीवी फुटेज, व्लॉगर के कैमरे में रिकॉर्ड वीडियो और डिजिटल साक्ष्य शामिल हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अब केवल गवाहों के जरिए आरोपियों की शिनाख्त की प्रक्रिया बाकी है।

नहीं होगा नार्को टेस्ट, सबूत और गवाह ही काफी

शिलांग पुलिस का मानना है कि मामले में अब तक जो साक्ष्य एकत्र किए गए हैं, वे इस केस को कोर्ट में मज़बूती से पेश करने के लिए पर्याप्त हैं। इसलिए पुलिस ने फिलहाल नार्को टेस्ट की आवश्यकता नहीं मानी है। साथ ही पुलिस को फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार है, जिससे जांच को और मजबूती मिल सकेगी।

गवाहों की शिनाख्त से बनेगी मजबूत कड़ी

शिलांग के एसपी विवेक स्येम ने बताया कि राजा रघुवंशी और आरोपी विशाल चौहान, आकाश राजपूत व आनंद कुर्मी को सोनम के साथ शिलांग में कई लोगों ने एक साथ देखा था। इनमें टूरिस्ट गाइड, होटल स्टाफ और स्थानीय दुकानदार प्रमुख गवाह हैं। इनकी सहायता से पुलिस जल्द ही आरोपियों की पहचान कराएगी, जो कोर्ट में एक सशक्त कड़ी सिद्ध होगी।

जांच में मिले ये प्रमुख सबूत

शिलांग पुलिस के पास कई महत्वपूर्ण तकनीकी साक्ष्य मौजूद हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
• होटल परिसर और उसके आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों में आरोपियों की गतिविधियां रिकॉर्ड हुई हैं।
• एक स्थानीय व्लॉगर के वीडियो में सोनम और राजा रघुवंशी, वारदात से ठीक पहले तीनों आरोपियों के साथ दिखाई दिए।
• सोनम के लैपटॉप से भी कुछ डिजिटल क्लू मिल सकते हैं, जिसे फॉरेंसिक टीम ने कब्जे में लिया है।
• पुलिस को उम्मीद है कि फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट इस केस में निर्णायक भूमिका निभाएगी।
• सभी आरोपी इस समय पुलिस जांच में सहयोग कर रहे हैं, जिससे पूछताछ में लगातार जानकारी मिल रही है।

कोर्ट में साबित होंगे दमदार साक्ष्य

पुलिस का मानना है कि अब तक मिले फुटेज, डिजिटल डेटा और चश्मदीद गवाहों की गवाही मिलाकर केस की नींव इतनी मजबूत हो चुकी है कि यह कोर्ट में दोषियों को सजा दिलाने के लिए काफी होगा। अधिकारियों के अनुसार, यदि फॉरेंसिक रिपोर्ट भी जांच के अनुरूप आती है, तो आरोपियों के खिलाफ अभियोजन की स्थिति बेहद सशक्त हो जाएगी।