केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के हित में एक महत्वपूर्ण और राहतभरा निर्णय लेते हुए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को लेकर बड़ा बदलाव किया है। अब UPS चुनने वाले कर्मचारियों को भी वही टैक्स लाभ मिलेंगे जो अभी तक केवल नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के अंतर्गत उपलब्ध थे। सरकार के इस फैसले से UPS अब और अधिक आकर्षक और प्रतिस्पर्धी पेंशन विकल्प बनकर उभर रहा है।
विकल्प चुनने की समयसीमा बढ़ाई गई
इस नई सुविधा का लाभ लेने के लिए कर्मचारियों को अब थोड़ा और समय मिल गया है। सरकार ने UPS को चुनने की आखिरी तारीख 30 जून, 2025 से बढ़ाकर 30 सितंबर, 2025 कर दी है। यह विस्तार केवल वर्तमान में सेवा दे रहे कर्मचारियों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि रिटायर्ड कर्मचारी और मृत पेंशनर्स के जीवनसाथी भी इस विकल्प का लाभ उठा सकते हैं।
Government announces that all tax benefits currently available under the National Pension System (#NPS) will also be extended to the newly introduced Unified Pension Scheme (#UPS).
In a statement, @FinMinIndia says that the inclusion of UPS under the tax framework marks another… pic.twitter.com/CZdL16ksAF
— All India Radio News (@airnewsalerts) July 4, 2025
UPS का उद्देश्य और योगदान ढांचा
यूनिफाइड पेंशन स्कीम की शुरुआत 1 अप्रैल 2025 से उन नए कर्मचारियों के लिए की गई थी जो केंद्र सरकार की सिविल सेवाओं में शामिल होंगे। यह योजना NPS का एक विकल्प बनकर सामने आई है। इस स्कीम के तहत केंद्र सरकार बेसिक सैलरी और डीए का 18.5% योगदान करती है, जबकि कर्मचारी को 10% योगदान देना होता है। UPS का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक स्थिर और सुनिश्चित पेंशन प्रदान करना है, जो NPS की तुलना में अधिक लाभ आधारित और पारंपरिक मानी जाती है।
NPS से UPS में स्विच का एकमात्र अवसर
इस समय केंद्र सरकार के NPS के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों को एक एकमुश्त मौका दिया जा रहा है, जिसके तहत वे UPS को अपना सकते हैं। यह निर्णय पूरी तरह वैकल्पिक है, यानी कर्मचारियों पर UPS अपनाने का कोई दबाव नहीं है। लेकिन इस बदलाव का लाभ यह है कि UPS को चुनने वाले कर्मचारियों को अब TDS छूट समेत वही टैक्स लाभ मिलेंगे, जो NPS के अंतर्गत मिलते हैं। इससे दोनों योजनाओं के बीच समानता और पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।
सिर्फ एक बार मिलेगा विकल्प चुनने का अवसर
यह बात जानना बेहद जरूरी है कि NPS से UPS में बदलाव का यह विकल्प कर्मचारियों को सिर्फ एक बार ही मिलेगा। इसलिए निर्णय सोच-समझकर लेना जरूरी है। नई समयसीमा 30 सितंबर, 2025 तक की रखी गई है। UPS को एक स्थिर और फिक्स पेंशन योजना माना जा रहा है जिसमें सरकार का योगदान ज्यादा है। अब जब इसमें भी टैक्स छूट मिल रही है, तो यह उन कर्मचारियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी साबित हो सकती है, जो रिटायरमेंट के बाद वित्तीय स्थिरता की तलाश में हैं।