Trade Agreement: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा घोषित पारस्परिक टैरिफ की समयसीमा में अब केवल तीन दिन शेष हैं। इस बीच, कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समयसीमा के दबाव में झुक जाएंगे। गांधी का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने जोर देकर कहा कि भारत केवल तभी अमेरिका के साथ व्यापार समझौता करेगा, जब देश के हितों की रक्षा सुनिश्चित हो।
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर अपनी बात रखते हुए कहा, “पीयूष गोयल कितना भी जोर-शोर से दावे करें, मेरी बात याद रखिए, मोदी ट्रम्प की टैरिफ समयसीमा के सामने चुपचाप झुक जाएंगे।” उनका यह बयान भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापारिक वार्ताओं में गतिरोध के बीच आया है। सूत्रों के अनुसार, दोनों देशों के बीच 9 जुलाई की समयसीमा से पहले एक अंतरिम व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होने की संभावना थी, लेकिन यह अब भी अनिश्चित है।
ट्रम्प, जिन्होंने पहले भारत को टैरिफ का “बड़ा दुरुपयोगकर्ता” और “टैरिफ किंग” करार दिया था, ने 2 अप्रैल को अपनी “लिबरेशन डे” नीति के तहत भारतीय उत्पादों पर 26% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। हालांकि, बाद में उन्होंने 90 दिनों के लिए इस टैरिफ को निलंबित कर दिया था, ताकि देशों को अमेरिका के साथ समझौता करने का समय मिल सके। यदि भारत इस समयसीमा तक कोई अंतरिम समझौता नहीं कर पाता, तो उसे 26% टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है।
Trade Agreement: क्या हैं वार्ता में अड़चनें?
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक वार्ता में प्रमुख अड़चन भारत की वह कठोर नीति है, जिसमें अमेरिकी कृषि उत्पादों, जैसे मक्का और सोयाबीन, पर टैरिफ कम करने से इनकार किया गया है। इसके अलावा, ट्रम्प प्रशासन की भारत के डेयरी क्षेत्र में अधिक पहुंच की मांग भी एक बड़ा विवाद बनी हुई है। भारत में डेयरी क्षेत्र 8 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार देता है, और इसे राष्ट्रीय हितों का एक संवेदनशील हिस्सा माना जाता है।
दूसरी ओर, भारत ने अमेरिका से अपने श्रम-प्रधान उद्योगों, जैसे कपड़ा, रत्न-आभूषण, चमड़ा उत्पाद, और रसायन, के लिए वहां के बाजार में अधिक पहुंच की मांग की है। विशेष सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में भारत की वार्ता टीम ने वाशिंगटन में अपनी मौजूदगी बढ़ाई है, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है।