Yashasvi Jaiswal ने तोड़ा सुनील गावस्कर का 49 साल पुराना रिकॉर्ड; ऐसा करने वाले बने Asia के टॉप खिलाड़ी

Yashasvi Jaiswal:  युवा भारतीय सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच की दूसरी पारी में इतिहास रच दिया। उन्होंने मात्र 22 गेंदों में 28 रनों की तेजतर्रार पारी खेली और केएल राहुल के साथ 50 रनों की शुरुआती साझेदारी की। हालांकि, वह तीसरे दिन स्टंप्स से पहले आउट हो गए, लेकिन अपनी इस छोटी पारी में उन्होंने एक ऐसी उपलब्धि हासिल की, जिसने उन्हें क्रिकेट के दिग्गजों की सूची में शामिल कर दिया। इस पारी ने न केवल भारत को 180 रनों की पहली पारी की बढ़त के बाद मजबूत शुरुआत दी, बल्कि एक 49 साल पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ा।

Yashasvi Jaiswal ने तोड़ा सुनील गावस्कर का रिकॉर्ड 

जायसवाल ने शुक्रवार, 4 जुलाई को टेस्ट क्रिकेट में 2000 रन पूरे किए और सुनील गावस्कर के 49 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया। उन्होंने केवल 21 टेस्ट मैचों में यह मुकाम हासिल किया, जो किसी भी भारतीय और एशियाई खिलाड़ी द्वारा सबसे तेज है। गावस्कर ने 1976 में 23 मैचों में यह उपलब्धि हासिल की थी। जायसवाल के बाद इस सूची में जावेद मियांदाद (24 मैच, 1979), गौतम गंभीर (24 मैच, 2009), राहुल द्रविड़ (25 मैच, 1999), वीरेंद्र सहवाग (25 मैच, 2004) और सईद अहमद (25 मैच, 1964) का नाम आता है।

वैश्विक स्तर पर, जायसवाल से तेज केवल पांच खिलाड़ी इस मुकाम तक पहुंचे हैं। डॉन ब्रैडमैन ने सबसे कम 15 मैचों में, जबकि जॉर्ज हेडली (17), माइकल हसी (20), मार्नस लाबुशेन (20) और हर्बर्ट सटक्लिफ (22) ने यह उपलब्धि हासिल की। पारियों के हिसाब से, जायसवाल ने 40 पारियों में 2000 रन पूरे किए, जो राहुल द्रविड़ और वीरेंद्र सहवाग के साथ संयुक्त रूप से भारतीय और एशियाई खिलाड़ियों में सबसे तेज है।

दो साल से कम में Yashasvi Jaiswal का अनोखा रिकॉर्ड

Yashasvi Jaiswal एशिया के एकमात्र खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अपने टेस्ट डेब्यू के दो साल के भीतर यह उपलब्धि हासिल की। वैश्विक स्तर पर, केवल तीन खिलाड़ी उनसे पहले अपने पहले टेस्ट की दूसरी सालगिरह से पहले 2000 रन के आंकड़े तक पहुंचे हैं। 23 साल की उम्र में जायसवाल इस उपलब्धि को हासिल करने वाले सचिन तेंदुलकर के बाद दूसरे सबसे युवा भारतीय बल्लेबाज भी हैं।

पिछले साल, जायसवाल ने केवल 9 टेस्ट मैचों में 1000 टेस्ट रन पूरे करके सबसे तेज भारतीय होने का रिकॉर्ड बनाया था, और पारियों के हिसाब से विनोद कांबली (14 पारियां) के बाद दूसरे सबसे तेज (16 पारियां) थे।

भारत की मजबूत स्थिति

जायसवाल की इस पारी ने न केवल रिकॉर्ड बुक में उनका नाम दर्ज किया, बल्कि भारत को दूसरी पारी में ठोस शुरुआत भी दी। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी ने इंग्लैंड के सामने बड़ा लक्ष्य रखने की भारत की रणनीति को मजबूती दी। जायसवाल की यह उपलब्धि और उनकी निरंतरता भारतीय क्रिकेट के लिए एक सुनहरे भविष्य का संकेत है। यह युवा बल्लेबाज जिस तेजी से रिकॉर्ड तोड़ रहा है, उससे साफ है कि वह जल्द ही क्रिकेट की दुनिया में और भी बड़े कीर्तिमान स्थापित कर सकता है।