Bangladesh: ‘सत्ता में आने के लिए अपनाएंगे तालिबानी तरीका’, बांग्लादेश के इस्लामिक नेता के तीखे बोल

Bangladesh:  बांग्लादेश में इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश और जमात-चार मोनाई गठबंधन के नेता मुफ्ती सैयद मुहम्मद फैजुल करीम ने एक सनसनीखेज बयान में कहा है कि यदि उनकी पार्टी अगली सरकार बनाती है, तो वे देश में तालिबान शासित अफगानिस्तान की तर्ज पर शासन लागू करेंगे और पूरे देश में शरिया कानून को प्रभावी करेंगे। एक साक्षात्कार में करीम ने कहा, “यदि हम राष्ट्रीय चुनाव जीतकर सरकार बनाते हैं, तो इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश देश में शरिया कानून लागू करेगा।”

‘Bangladesh में अपनाएंगे तालिबानी मॉडल’

उन्होंने आगे कहा, “हम अफगानिस्तान के मौजूदा शासन मॉडल को अपनाएंगे।” करीम ने यह भी दावा किया कि उनकी पार्टी का इस्लामी शासन का दृष्टिकोण ईरान से भी प्रेरणा लेगा। उन्होंने कहा, “जरूरत पड़ने पर हम ईरान के मॉडल को भी अपनाएंगे। हम दुनिया के किसी भी देश—अमेरिका, इंग्लैंड, रूस—से अच्छी चीजें लेंगे, बशर्ते वे शरिया के खिलाफ न हों।”

अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर बयान

अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए करीम ने कहा, “हमारे द्वारा लागू किए जाने वाले शरिया कानून में हिंदुओं को भी उनके अधिकार मिलेंगे। अल्पसंख्यकों के अधिकारों को भी लागू किया जाएगा।” हालांकि, उनके इस बयान को लेकर बांग्लादेश में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है।

आवामी लीग की कड़ी प्रतिक्रियासत्तारूढ़ आवामी लीग ने करीम के बयान को “भयावह” करार देते हुए जमात-चार मोनाई गठबंधन पर तीखा हमला बोला। पार्टी ने एक बयान जारी कर कहा कि यह गठबंधन खुलेआम बांग्लादेश की धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक व्यवस्था को कट्टर इस्लामी शासन में बदलने की योजना बना रहा है। आवामी लीग ने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों को खत्म करने, धार्मिक कानूनों को थोपने और महिलाओं व अल्पसंख्यकों के अधिकारों को दबाने की साजिश बताया।

आवामी लीग ने नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की चुप्पी पर भी सवाल उठाए। बयान में कहा गया, “अंतरिम सरकार की चुप्पी गहरी चिंता का विषय है। यह उदासीनता है या चुपके से सहमति?” पार्टी ने पिछले साल अगस्त में शेख हसीना को सत्ता से हटाए जाने के बाद से “अनियंत्रित उग्रवाद” को रोकने में अंतरिम सरकार की नाकामी पर भी निशाना साधा।

Bangladesh में बढ़ती सांप्रदायिक हिंसा

आवामी लीग ने हिंदू मंदिरों पर हमलों, धार्मिक समारोहों में व्यवधान और महिलाओं के खिलाफ बढ़ती धमकियों सहित सांप्रदायिक हिंसा में वृद्धि का हवाला दिया। पार्टी ने इसे देश में बढ़ते धार्मिक कट्टरपंथ का सबूत बताया और सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की।