Nehal Modi: भगोड़े नीरव मोदी के भाई नेहल मोदी को सीबीआई-ईडी के प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद अमेरिका में गिरफ्तार किया गया

Nehal Modi: भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी के छोटे भाई नेहल मोदी को शनिवार, 5 जुलाई को अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया। यह गिरफ्तारी भारत की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के प्रत्यर्पण अनुरोध के आधार पर हुई है। नेहल पर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में संलिप्तता और अमेरिका की मैनहट्टन स्थित कंपनी एलएलडी डायमंड्स यूएसए से 2.6 मिलियन डॉलर की धोखाधड़ी के आरोप हैं।

Nehal Modi की गिरफ्तारी 4 जुलाई को न्यूयॉर्क में हुई, ठीक एक दिन बाद जब उन्हें एक अन्य मामले में जेल से रिहा किया गया था। वह पहले 2020 में न्यूयॉर्क सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2.6 मिलियन डॉलर की हीरे की धोखाधड़ी के लिए दोषी ठहराए गए थे, जिसके तहत उन्होंने एलएलडी डायमंड्स से झूठे दावों के आधार पर हीरे हासिल किए। नेहल ने दावा किया था कि वह इन हीरों को थोक व्यापारी कॉस्टको को बेचने के लिए ले रहे हैं, लेकिन यह सौदा कभी हुआ ही नहीं। इसके बजाय, उन्होंने इन हीरों को बेचकर या गिरवी रखकर निजी लाभ कमाया।

पीएनबी घोटाले में नेहल की भूमिकानेहल मोदी पर भारत में 13,500 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप है, जो देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में से एक है। जांच एजेंसियों के अनुसार, नेहल ने अपने भाई नीरव मोदी की मदद की, जिन्होंने फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) के जरिए बैंक से भारी-भरकम राशि हासिल की। नेहल ने कथित तौर पर शेल कंपनियों और विदेशी लेनदेन के जटिल जाल के जरिए इस अवैध धन को छिपाने और हस्तांतरित करने में सहायता की। ईडी का दावा है कि नेहल ने सबूतों को नष्ट करने और नीरव के करीबी सहयोगी मिहिर आर. भंसाली के साथ मिलकर दुबई से 50 किलोग्राम सोना और भारी मात्रा में नकदी ले जाने का काम किया।

सीबीआई की चार्जशीट में नेहल को ‘आरोपी नंबर 27’ के रूप में नामित किया गया है, जिसमें उन पर साक्ष्य नष्ट करने और आपराधिक साजिश में शामिल होने का आरोप है। जांच में पता चला कि नेहल ने दुबई स्थित शेल कंपनियों के निदेशकों को धमकाया और उन्हें दुबई से काहिरा स्थानांतरित करने के लिए मजबूर किया, जहां उनके फोन, लैपटॉप और सर्वर नष्ट कर दिए गए ताकि सबूत मिटाए जा सकें।

प्रत्यर्पण की प्रक्रियानेहल मोदी के खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्रवाई 17 जुलाई 2025 को अमेरिकी अदालत में आगे बढ़ेगी, जहां एक स्टेटस कॉन्फ्रेंस आयोजित होगी। इस सुनवाई के दौरान नेहल के जमानत के लिए आवेदन करने की संभावना है, लेकिन अमेरिकी अभियोजन पक्ष ने पहले ही संकेत दे दिया है कि वे इसका कड़ा विरोध करेंगे। नेहल पर दो प्रमुख आरोप हैं: मनी लॉन्ड्रिंग (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 की धारा 3 के तहत) और आपराधिक साजिश (भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी और 201 के तहत)।

भारतीय अधिकारियों ने इस गिरफ्तारी को एक महत्वपूर्ण कदम बताया है, क्योंकि पीएनबी घोटाले के तीन प्रमुख आरोपियों—नीरव मोदी (यूके में जेल में), मेहुल चोकसी (बेल्जियम में हिरासत में), और अब नेहल मोदी (अमेरिका में हिरासत में)—को विभिन्न देशों में पकड़ा जा चुका है।