मध्यप्रदेश सरकार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर “बगिया मां के नाम” नामक एक विशेष योजना शुरू करने जा रही है। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और राज्य में फल उत्पादन को प्रोत्साहित करना है। इस योजना पर राज्य सरकार करीब 1000 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
कौन ले सकता है इस योजना का लाभ?
योजना का फायदा केवल उन महिलाओं को मिलेगा जो स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं और उनके पास कम से कम आधा एकड़ से लेकर अधिकतम एक एकड़ तक भूमि है।
अगर ज़मीन पति, पिता या ससुर के नाम पर है, तब भी महिला उनकी सहमति पत्र के साथ आवेदन कर सकती है।
मनरेगा से मिलेगी आर्थिक सहायता
मनरेगा योजना के तहत महिलाओं को खुदाई और पौधों की खरीद के लिए आर्थिक मदद दी जाएगी।
• आधा एकड़ ज़मीन पर 50 फलदार पौधे
• एक एकड़ पर 100 पौधे लगाए जाएंगे।
सरकार तारबंदी, 50 हजार लीटर का जलकुंड, जैविक खाद और 3 साल तक रखरखाव की लागत भी उठाएगी।
हर महिला को लगभग ₹3 लाख की सहायता अगले तीन वर्षों में दी जाएगी।
आवेदन की अंतिम तारीख और प्रक्रिया
इस योजना में आवेदन करने की आखिरी तारीख 15 जुलाई है।
आवेदन की प्रक्रिया “एक पेड़ मां के नाम” मोबाइल ऐप के जरिए पूरी की जाएगी। इस योजना के लिए महिला एवं ग्रामीण विकास विभाग के राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन को ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।
चयन प्रक्रिया होगी डिजिटल और पारदर्शी
प्रदेश की लगभग 51 लाख महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं। पहले वर्ष 30,000 महिलाओं को योजना में शामिल किया जाएगा। हर ब्लॉक से 100 महिलाओं का चयन किया जाएगा, जिससे योजना राज्यभर में समान रूप से लागू हो सके।
सॉफ्टवेयर से होगा भूमि और पौधों का वैज्ञानिक चयन
सिपरी सॉफ्टवेयर की मदद से यह तय किया जाएगा कि किस क्षेत्र में कौन-से फलदार पौधे उगाना सही रहेगा। मिट्टी की गुणवत्ता, जल स्रोत और जलवायु के अनुसार पौधे चयनित किए जाएंगे। साथ ही, ड्रोन और सैटेलाइट इमेजिंग से निगरानी की जाएगी।
हर 25 एकड़ पर एक कृषि सखी
प्रत्येक 25 एकड़ क्षेत्र में एक कृषि सखी की तैनाती की जाएगी, जो लाभार्थी महिलाओं को तकनीकी मार्गदर्शन और सहायता देगी। यह कदम महिलाओं की साक्षरता और आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देगा।
पायलट प्रोजेक्ट रहा सफल
इस योजना का प्रारंभिक परीक्षण (पायलट प्रोजेक्ट) धार जिले के बाग ब्लॉक में किया गया था, जो पूरी तरह सफल रहा। इससे मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया के आधार पर योजना को पूरे प्रदेश में लागू किया जा रहा है।