Virat Kohli: भारतीय क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाज़ विराट कोहली ने जिस तरह से विश्व क्रिकेट में अपनी अलग पहचान बनाई है, अब लगता है कि उनके परिवार में अगली पीढ़ी एक नए अंदाज़ में क्रिकेट के मैदान पर अपनी छाप छोड़ने को तैयार है। कोहली के बचपन के कोच राजकुमार शर्मा ने हाल ही में एक बड़ा खुलासा किया है — विराट के परिवार में दो युवा लेग स्पिनर तैयार हो रहे हैं, जो भविष्य में क्रिकेट जगत में धमाल मचा सकते हैं।
Virat Kohli के भाई के बेटे को मिली दिल्ली प्रीमियर लीग में बड़ी जिम्मेदारी
विराट कोहली के भाई विकास के बेटे, आर्यवीर, को दिल्ली प्रीमियर लीग (DPL) के दूसरे सीज़न की नीलामी में साउथ दिल्ली सुपरस्टार्ज़ ने खरीदा है। पहली बार लीग की खिलाड़ियों की सूची में शामिल हुए आर्यवीर को ₹1 लाख में टीम में शामिल किया गया। यह मौका उनके लिए करियर में एक अहम कदम साबित हो सकता है।
राजकुमार शर्मा ने इस मौके पर खुशी जताते हुए कहा, “आर्यवीर एक होनहार, मेहनती और ईमानदार खिलाड़ी है। DPL जैसे प्लेटफॉर्म पर खेलना उसके विकास में मदद करेगा।”
Virat Kohli नाम का दबाव नहीं, मेहनत और हुनर पर है भरोसा
जब राजकुमार शर्मा से पूछा गया कि क्या आर्यवीर को ‘कोहली’ सरनेम की वजह से कभी दबाव महसूस हुआ, तो उन्होंने साफ कहा, “बिल्कुल नहीं। परिवार ने उस पर कभी किसी तरह का दबाव नहीं डाला। वह बेहद साधारण और अनुशासित बच्चा है, जिसने कभी अपने चाचा के नाम का लाभ उठाने की कोशिश नहीं की।”
एक नहीं, दो लेग स्पिनर! Virat Kohli की बहन का बेटा भी गेंदबाज़
सबसे दिलचस्प बात यह है कि विराट कोहली के भांजे, आयुष, जो कि उनकी बहन भावना के बेटे हैं, वो भी लेग स्पिनर हैं। राजकुमार शर्मा ने मुस्कुराते हुए बताया, “आर्यवीर हमेशा से एक अच्छे गेंदबाज रहे हैं। लेकिन सिर्फ वही नहीं, आयुष भी एक लेग स्पिनर है।” दोनों ही खिलाड़ी वेस्ट दिल्ली क्रिकेट अकादमी में ट्रेनिंग करते हैं — वही अकादमी जहां से विराट कोहली ने भी अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी।
इस नीलामी में साउथ दिल्ली ने आर्यवीर के अलावा कई अन्य खिलाड़ियों को भी खरीदा। इनमें सबसे महंगे खिलाड़ी रहे दिग्वेश राठी, जिन्हें ₹38 लाख में टीम में शामिल किया गया। वहीं, सेंट्रल दिल्ली किंग्स ने सिमरजीत सिंह को ₹39 लाख में खरीदा। इसके अलावा साउथ दिल्ली ने ऑलराउंडर कुँवर बिधूड़ी और विकेटकीपर तेजस्वी दहिया को भी अपनी टीम में शामिल किया है।
टीम की कप्तानी एक बार फिर आयुष बडोनी करेंगे, जिन्होंने पिछले साल टीम को फाइनल तक पहुंचाया था, हालांकि वे जीत से मात्र तीन रन दूर रह गए थे।