मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में लगातार बारिश का दौर जारी है। किसानों को बारिश से राहत मिलने की कोई गुंजाइश नहीं दिख रही है। प्रदेश के कई जिलों में बारिश (Heavy Rain)के साथ ओलावृष्टि और बिजली गिरने की भी घटना देखी गई। इसी के चलते किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। आज भी राजधानी भोपाल (Bhopal), नर्मदापुरम संभाग सहित कई जिलों में बारिश के साथ ओलावृष्टि की संभावना है।
जानकारी के लिए बता दें सतना, अनूपपुर और पन्ना में बारिश के साथ ओले गिरे हैं। इससे फसलों को नुकसान पहुंचा है। दोपहर बाद राज्य के अनेक हिस्सों में तेज हवा के साथ बारिश हुई। इसके साथ ही ओले भी गिरे। ओलों और बारिश से खेत में खड़ी और काटी गई फसल को नुकसान पहुंचने की बात सामने आई है। जानकारी के अनुसार पन्ना जिले के एक दर्जन से अधिक गांवों में ओले गिरने से फसलें खराब हो गई है। यही हाल अनूपपुर और सतना जिले में हुआ है।
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बालाघाट जिले में परसवाड़ा, बैहर व वारासिवनी में गरज चमक के साथ ही तेज वर्षा हुई। आकाशीय बिजली गिरने से एक किसान की मौत हो गई। बैहर, वारासिवनी व खैरलांजी के मिरगपुर में चने के आकार के ओले गिरे। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक जबलपुर, शहडोल, नर्मदापुरम संभाग के जिलों में गरज-चमक के साथ वर्षा हो सकती है। जबलपुर, शहडोल, नर्मदापुरम संभागों के जिलों में गरज–चमक के साथ वर्षा हो सकती है।
प्रदेश के अधिकांश जिलों में कई दिनों से तेज हवाओं के साथ बेमौसम बारिश और ओले गिर रहे हैं। बटरी, चना, मसूर और गेहूं की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। तेज हवाएं चलने के कारण खेतों में पककर खड़ी हुई गेंहू की फसल आड़ी हो गई है। वहीं चने की फसल पानी लगने से बर्बादी की कगार पर पहुंच गई है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान भी प्रदेश में बारिश की संभावना जताई जा रही है तथा कुछ स्थानों पर ओले गिरने की भी आशंका है। प्रदेश में अगले दो दिनों तक इसी तरह के मौसम के बने रहने की संभावना जताई जा रही है। इसके बाद मौसम साफ हो सकता है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार अलग-अलग स्थानों पर बने तीन वेदर सिस्टम के असर से वातावरण में नमी आने के कारण मध्य प्रदेश में विभिन्न जिलों में आंशिक बादल बने हुए हैं। सागर, जबलपुर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं बूंदाबांदी की स्थिति बन रही है। एक पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान और उसके आसपास हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में एक्टिव है।