मध्यप्रदेश में लगातार रेलवे स्टेशनों के आसपास या आउटर पर अपराधिक घटनाएं हो रही है। जिसे पकड़ने के लिए जीआरपीएफ जहां लगातार प्रयास कर रहा है। वहीं चलती ट्रेनों पर पथराव की घटनाएं भी लगातार सामने आ रही है। जिसके बाद अब रेलवे ने आधुनिक तकनीक से इसका इलाज करने का निर्णय लेते हुए प्रयोग शुरू कर दिया है। जिसकी शुरूआत सतना रेल लाइन पर प्रयोग के रूप में की जा रही है। इस रूट पर ट्रेनों पर पथराव के साथ ही लूट और चोरी की कई वारदातें सामने आने के बाद अब तीसरी नजर से निगरानी की जाएगी। अधिकारियों का दावा है कि इससे वारदातों पर रोक लगेगी और यात्री सुरक्षित यात्रा कर पाएंगे। सतना से कटनी आउटर तक स्टैंड अलोन सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए गए हैं।
कटनी-सतना रेलखंड है संवेदनशील
जबलपुर रेल मंडल के अंतर्गत आने वाला कटनी-सतना रेलखंड संवेदनशील बन गया है। इसे देखते हुए पश्चिम मध्य रेल ने रेलमार्ग पर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी का निर्णय किया है। इससे ट्रैक के आसपास असामान्य गतिविधि एवं ट्रेन के आसपास असामाजिक तत्वों की गतिविधि की जानकारी तुरंत मिल जाएगी। प्रभावी कार्रवाई से रेलमार्ग और ट्रेन की सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी। नई व्यवस्था का विस्तार अन्य रेलखंडों पर भी होगा।
अलोन सीसीटीवी कैमरों की खूबियां
रेलखंड में स्थापित किए गए सीसीटीवी कैमरे सौर ऊर्जा से संचालित होंगे। यह सीसीटीवी कैमरे चौबीस घंटे काम करेंगे। जीवंत दृश्य के साथ ही श्रव्य भी रिकार्ड करेंगे। इन सीसीटीवी कैमरों को पश्चिम मध्य रेल मुख्यालय के नियंत्रण कक्ष से जोड़ा गया है। संबंधित क्षेत्र के रेल सुरक्षा बल पोस्ट तक भी इन सीसीटीवी कैमरों की लाइव रिकॉर्डिंग पहुंचेगी। पश्चिम मध्य रेल की इस पहल ने संवेदनशील खंड में निवारक निगरानी और खुफिया-आधारित पुलिसिंग को काफी मजबूत किया है।
रेलवे लगातार अब सुरक्षा को लेकर कार्य कर रहा है। विगत कुछ सालों में रेलो के अंदर चोरी, लूट की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है। इससे रेल में यात्रा करने वाले लोग स्वयं को असुरक्षित महसूस करते है। वहीं जब रेल घने जंगल के इलाको से गुजरती है ऐसे में सभी यात्रियों की सुरक्षा दांव पर लगी रहती है।