इंदौर से खंडवा के बीच प्रस्तावित ब्रॉडगेज रेलवे लाइन अब जल्द ही गति पकड़ सकती है। इस परियोजना की राह में जो सबसे बड़ी रुकावट थी यानी वन विभाग की मंजूरी, उसे दूर करने के प्रयास अब तेज हो गए हैं।
इसी क्रम में इंदौर के सांसद शंकर लालवानी ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से विशेष मुलाकात की और इस मुद्दे को उनके सामने गंभीरता से रखा।
वन क्षेत्र में अटकी है ब्रॉडगेज प्रोजेक्ट की रफ्तार
दरअसल, इस महत्वाकांक्षी रेलवे प्रोजेक्ट का एक हिस्सा वन क्षेत्र से होकर गुजरता है, जिसके लिए पर्यावरण और वन विभाग की अनुमति अनिवार्य है। अनुमति न मिलने के कारण इस रूट पर कार्य आरंभ नहीं हो पा रहा है, जबकि यह रेल मार्ग मालवांचल को दक्षिण भारत से जोड़ने के लिए रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री ने दिया भरोसा, जल्द होगी केंद्रीय स्तर पर कार्रवाई
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सांसद की बात को गंभीरता से लिया और आश्वासन दिया कि राज्य सरकार न केवल इस विषय पर त्वरित कार्रवाई करेगी, बल्कि दिल्ली स्तर पर केंद्र सरकार और वन मंत्रालय से भी समन्वय स्थापित किया जाएगा। उनका स्पष्ट कहना था कि यह प्रोजेक्ट राज्य की प्रगति और लोगों की सुविधा से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसमें कोई देरी नहीं होनी चाहिए।
सांसद लालवानी ने बताया प्रोजेक्ट का बहुआयामी लाभ
सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि इंदौर-खंडवा ब्रॉडगेज रेलवे प्रोजेक्ट इंदौर को न केवल दक्षिण भारत के प्रमुख शहरों से जोड़ने में सहायक होगा, बल्कि यह व्यापार, पर्यटन और यात्रियों की सुविधाओं में भी क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। इस रेल लाइन से इंदौर की कनेक्टिविटी को एक नई ऊँचाई मिलेगी और यह पूरे क्षेत्र के आर्थिक विकास को गति देगा।
प्रमुख सचिव से भी की मुलाकात, प्रक्रिया में तेजी की मांग
परियोजना की संवेदनशीलता को देखते हुए सांसद ने वन विभाग के प्रमुख सचिव से भी व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की और अनुरोध किया कि फाइल प्रक्रिया और अनुमति संबंधी औपचारिकताओं में तेजी लाई जाए, ताकि काम समय पर शुरू हो सके और परियोजना तय समय सीमा में पूरी हो।
राज्य की कनेक्टिविटी योजनाओं में अहम कड़ी
यह ब्रॉडगेज प्रोजेक्ट सिर्फ एक रेलवे लाइन नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश की भविष्य की रणनीतिक योजनाओं का एक अहम हिस्सा है। इंदौर से खंडवा की सीधी रेल कनेक्टिविटी न केवल यात्रियों के लिए सुविधाजनक साबित होगी, बल्कि यह राज्य की लॉजिस्टिक और कारोबारी क्षमताओं में भी विस्तार लाएगी। यह प्रोजेक्ट इंदौर को एक नई भौगोलिक पहुंच और आर्थिक सशक्तिकरण प्रदान करेगा।