7 Japanese Diets: अगर आप बार-बार तनाव, थकान या उदासी महसूस करते हैं, तो जरूरत हो सकती है अपनी थाली पर ध्यान देने की। 2025 की एक नई स्टडी में सामने आया है कि जापान की पारंपरिक ‘वाशोकू’ डाइट (Washoku Diet) को अपनाने वाले लोगों में डिप्रेशन के लक्षण 17–20% तक कम पाए गए। यह स्टडी 2018 से 2021 के बीच 12,500 जापानी वर्कर्स पर की गई, जिसमें नींद, एक्सरसाइज, स्मोकिंग और जॉब स्ट्रेस जैसे लाइफस्टाइल फैक्टर्स को ध्यान में रखा गया। तो आखिर क्या है ये ‘वाशोको डाइट’? और ये मेंटल हेल्थ को कैसे फायदा पहुंचाती है? आइए जानते हैं विस्तार से।
मछली से मिलने वाला ओमेगा-3
वाशोको डाइट में सैल्मन और मैकेरल जैसी ओइली मछलियों का इस्तेमाल होता है, जिनमें मौजूद EPA और DHA ओमेगा-3 फैटी एसिड दिमाग के कार्य को सुधारते हैं और मूड को स्थिर रखने में मदद करते हैं।
एंटीऑक्सीडेंट
पालक, समुद्री शैवाल (सीवीड), और मशरूम जैसे खाद्य पदार्थों में भरपूर एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो ब्रेन इनफ्लेमेशन कम कर सकते हैं जो डिप्रेशन का एक बड़ा कारण माना जाता है।
फर्मेंटेड फूड्स और गट-ब्रेन कनेक्शन
मिसो सूप, सोया और ग्रीन टी जैसे पदार्थों में प्रोबायोटिक्स होते हैं जो आंतों की सेहत सुधारते हैं। यह गट-ब्रेन एक्सिस के जरिए मेंटल हेल्थ पर सीधा असर डालता है।
फोलेट और आइसोफ्लेवोन
सोया और सब्जियों से मिलने वाले फोलेट और फाइटोएस्ट्रोजेन न्यूरोट्रांसमीटर निर्माण और नर्वस सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
‘उमामी’ स्वाद से मिलती है शांति
मिसो सूप जैसे उमामी-फ्लेवर युक्त खाद्य पदार्थ पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम को एक्टिवेट करते हैं, जिससे शरीर और दिमाग को आराम मिलता है।
आप के लिए क्या मायने रखता है?
इस डाइट को अपनाने के लिए आपको जापान जाने की जरूरत नहीं। आप घर पर ही अपनी डाइट में मछली, पत्तेदार सब्जियां, फर्मेंटेड फूड्स और उमामी फ्लेवर को शामिल कर सकते हैं।