अप्रैल 2025 से अब तक इंदौर में कोविड-19 संक्रमण के कारण चार महिलाओं की मौत हो चुकी है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) कार्यालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इन सभी मामलों में मृतक महिलाओं को गंभीर पूर्व-स्थित बीमारियाँ (comorbidities) थीं, जो उनके संक्रमण के दौरान स्थिति को और अधिक जटिल बना रही थीं। सबसे ताजा मामला 8 जुलाई को सामने आया है, जिससे लगातार तीसरे दिन कोरोना से मृत्यु हुई।
पहली मौत – 74 वर्षीय महिला, नंदा नगर
पहली मौत 22 अप्रैल 2025 को दर्ज की गई थी। मृतक महिला नंदा नगर की निवासी थीं और उनकी उम्र 74 वर्ष थी। उन्हें पहले से ही किडनी फेल्योर (गुर्दा विफलता) और सांस लेने में तकलीफ (शॉर्टनेस ऑफ ब्रीथ – SOB) की शिकायत थी। जब वे कोविड-19 पॉजिटिव पाई गईं, तब उनकी हालत और बिगड़ गई। उनका इलाज सैम्स (SAIMS) अस्पताल में चल रहा था, जहाँ उनकी मृत्यु हो गई।
दूसरी मौत – 64 वर्षीय महिला, बनेडिया
दूसरा मामला 6 जुलाई को सामने आया, जिसमें बनेडिया क्षेत्र की 64 वर्षीय महिला की मौत हुई। उन्हें दोनों फेफड़ों में वायरल निमोनिया (bilateral viral pneumonia), सेप्सिस (रक्त में संक्रमण) और टाइप-1 रेस्पिरेटरी फेल्योर (श्वसन तंत्र विफलता) जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ थीं। कोविड-19 संक्रमण के साथ इन जटिलताओं ने उनकी स्थिति को अत्यधिक गंभीर बना दिया। वे भी सैम्स अस्पताल में भर्ती थीं और वहीं उनकी मृत्यु हुई।
तीसरी मौत – 55 वर्षीय महिला, देवास नाका
7 जुलाई को तीसरी मौत हुई, जो देवास नाका क्षेत्र की 55 वर्षीय महिला की थी। यह महिला सैम्स अस्पताल से “लामा” (LAMA – Leave Against Medical Advice) के तहत छुट्टी लेकर घर चली गई थीं। उन्हें पहले से ही टीबी (Pulmonary Tuberculosis – PTB) और थायराइड की बीमारी थी। इलाज अधूरा छोड़ने के बाद घर पर ही उनकी तबीयत बिगड़ गई और उनकी मृत्यु हो गई।
चौथी मौत – 50 वर्षीय महिला, AML और डायबिटीज की मरीज
सबसे ताजा मामला 8 जुलाई का है, जिसमें एक 50 वर्षीय महिला की मौत हुई। यह महिला डायबिटीज (मधुमेह) और एक जानलेवा ब्लड कैंसर – एक्यूट मायलॉइड ल्यूकेमिया (AML) – से पीड़ित थीं। वे कीमोथेरेपी पर थीं और कोविड-19 पॉजिटिव भी थीं। उन्हें विशेष जुपिटर (Vishesh Jupiter) अस्पताल से भी LAMA के तहत छुट्टी दी गई थी। बाद में घर पर ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
स्वास्थ्य विभाग की चेतावनी और मौजूदा हालात
स्वास्थ्य अधिकारियों ने जानकारी दी है कि इंदौर में फिलहाल कोविड-19 के मामलों की संख्या कम है, लेकिन जिन लोगों को गंभीर बीमारियाँ पहले से हैं, उनके लिए संक्रमण जानलेवा साबित हो सकता है। 8 जुलाई 2025 तक शहर में इस वर्ष कुल 187 कोविड-19 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं, जिनमें से 12 मामले अभी भी सक्रिय हैं। अधिकतर मरीज होम आइसोलेशन में हैं और उनकी निगरानी की जा रही है।
इसके साथ ही, हाल के मामलों की जीनोम सीक्वेंसिंग (Genome Sequencing) शुरू कर दी गई है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कोई नया वैरिएंट तो सक्रिय नहीं है। संपर्क में आए लोगों का पता लगाने (Contact Tracing) का काम भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा सक्रिय रूप से किया जा रहा है। हालांकि शहर में कोविड का प्रभाव वर्तमान में सीमित है, लेकिन यह स्पष्ट है कि जिन लोगों को पहले से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ हैं, उनके लिए यह वायरस आज भी खतरे से खाली नहीं है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों से सतर्क रहने और स्वास्थ्य जांच में लापरवाही न बरतने की अपील की है, विशेषकर बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे नागरिकों के लिए।