मेड़तवाल वैश्य समाज द्वारा महिला सशक्तिकरण और लव जिहाद जैसे संवेदनशील विषयों पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें समाज की करीब 1100 महिलाओं ने सहभागिता निभाई।
यह आयोजन छोटा बांगड़दा स्थित मथुरा मांगलिक भवन में किया गया, जहां महिला सुरक्षा, आत्मरक्षा, सामाजिक विकृतियों से बचाव और भारतीय मूल्यों की पुनर्स्थापना जैसे अहम मुद्दों पर विशेषज्ञों ने विचार रखे।
महिलाओं की भूमिका: सामाजिक चेतना की रीढ़
कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों ने इस बात पर बल दिया कि किसी भी समाज की दशा और दिशा तय करने में महिलाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। महिलाओं को आत्मनिर्भर और जागरूक बनाकर समाज की कई समस्याओं को जड़ से खत्म किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज जरूरत है बेटियों को न केवल शिक्षा, बल्कि आत्मरक्षा, आध्यात्म और संस्कृति से भी जोड़ने की, जिससे वे स्वयं को पहचान सकें और समाज की विकृतियों से दूर रह सकें।
संस्कार, संयम और संवाद जरूरी
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित विश्व हिंदू परिषद की प्रदेश उपाध्यक्ष माला ठाकुर ने परिवार में चरित्र निर्माण, संवाद और मूल्य आधारित जीवन शैली की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि लव जिहाद जैसे मामलों के पीछे एक बड़ा कारण पारिवारिक संवाद की कमी और आपसी दूरी है। बच्चों को मोबाइल के बजाय समय और संस्कार देना चाहिए। उन्होंने उदाहरण देकर बताया कि पहले जैसे मोहल्लों में बच्चों की निगरानी में सामूहिक जिम्मेदारी होती थी, वैसी ही भावना अब फिर से विकसित करनी होगी।
शिक्षा और धार्मिक अध्ययन से बनेगी मजबूत पीढ़ी
एडवोकेट जूही भार्गव ने बेटियों की शिक्षा और चरित्र निर्माण पर जोर देते हुए कहा कि बेटियों को शिक्षित करना समय की सबसे बड़ी मांग है। शिक्षा से उनकी सोच बदलेगी और वे आत्मनिर्भर बनेंगी। साथ ही, उन्होंने बेटियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देने की भी बात कही। धर्मग्रंथों और साहित्य का अध्ययन बच्चों को न केवल अपनी संस्कृति से जोड़ता है, बल्कि उन्हें सही-गलत की पहचान भी कराता है।
मिनी रविन्द्र का कानूनी मार्गदर्शन: जानें अपने अधिकार
एडवोकेट मिनी रविन्द्र ने महिलाओं से जुड़े कानूनों की जानकारी साझा करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट महिलाओं पर अत्याचार के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाए हुए है। आज कानून महिलाओं के पक्ष में सख्त हो चुके हैं, परंतु जरूरी है कि महिलाएं अपने अधिकारों को जानें और उनका उपयोग करना सीखें। उन्होंने बताया कि हर जिले में महिला डेस्क उपलब्ध है, जहां उत्पीड़न के खिलाफ शिकायत की जा सकती है।
डीएसपी ज्योति शर्मा की चेतावनी: सतर्क रहें, सोशल मीडिया से भी
डीएसपी ज्योति शर्मा ने पुलिस द्वारा चलाई जा रही महिला सुरक्षा योजनाओं की जानकारी दी और बताया कि महिलाओं को ‘बेड टच’ जैसी हरकतों को लेकर सतर्क रहना चाहिए और समय रहते आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने साइबर क्राइम से बचने के लिए सोशल मीडिया के सुरक्षित उपयोग पर भी महत्वपूर्ण सुझाव दिए। हेल्पलाइन नंबर और महिला हेल्प डेस्क जैसी सुविधाओं का लाभ लेने की सलाह दी।
प्रश्नोत्तर और डिजिटल सेशन से जुड़ी महिलाओं की जागरूकता
कार्यक्रम के अंत में प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन हुआ, जिसमें महिलाओं ने खुले मन से सवाल पूछे और विशेषज्ञों ने उनके समाधान दिए। डिजिटल प्रेजेंटेशन के माध्यम से विषय की बारीकियों को विस्तार से समझाया गया, जिससे महिलाओं में विषय को लेकर और अधिक समझ विकसित हुई।
समाज के प्रमुखों की उपस्थिति ने बढ़ाई गरिमा
इस महत्वपूर्ण आयोजन में मेड़तवाल समाज के अध्यक्ष शक्तिनाथ गुप्ता, सचिव लक्ष्मीनारायण मेड़तवाल, आरएसएस के प्रांत सह कार्यवाह श्रीनाथ गुप्ता, सेवा प्रमुख विकास मेड़तवाल, प्रदीप गुप्ता विशेष रूप से मौजूद रहे। संचालन की जिम्मेदारी प्रीति गुप्ता और हेमा सिंगी ने निभाई, जबकि आभार प्रदर्शन इन्द्रा गुप्ता द्वारा किया गया।