मंत्री नंदी : औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने अपने पत्र में विभाग पर कई गड़बड़ियों के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि नोएडा की एम्बिएंस इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी को करोड़ों रुपये का गलत फायदा दिया गया। कंपनी को 2007 में जमीन आवंटित हुई, लेकिन लीज डीड 2018 में हुई और बीच का समय ‘जीरो पीरियड’ मान लिया गया, जिससे ब्याज और जुर्माना नहीं लिया गया। इसके बाद कंपनी ने न तो भुगतान किया, न नक्शा जमा किया, बल्कि भूखंड तीसरे पक्ष को बेचकर प्रीमियम कमा लिया। मंत्री ने अफसरों पर कार्रवाई न करने और मामले में चुप्पी साधने का आरोप लगाया।
ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट में अनियमितता का दावा, शासनादेश से पहले दी गई मंजूरी
अधूरी पड़ी (लीगेसी स्टाल्ड) ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं को पूरा करने के लिए सरकार ने 21 दिसंबर 2023 को सह विकासकर्ता की व्यवस्था का आदेश जारी किया था। लेकिन आरोप है कि नोएडा प्राधिकरण ने इस आदेश से पहले ही एक तीसरी पार्टी को सह विकासकर्ता मान लिया और उसका नाम बोर्ड बैठक के एजेंडे में डाल दिया। असल में जमीन का ट्रांसफर दिसंबर 2022 और नक्शे की मंजूरी अप्रैल 2023 में दी गई थी, जब यह आदेश मौजूद ही नहीं था। अब भी इस प्रोजेक्ट में फ्लैटों की रजिस्ट्री की जा रही है, जिसे लेकर सवाल उठ रहे हैं।
शासन ने आरोपों को बताया निराधार
मंत्री ने आरोप लगाया है कि फूजी सिल्वरटेक कंपनी को विदेशी निवेश (FDI) नीति के तहत पुराने तारीख (बैकडेट) से फायदा दिया गया। कंपनी को यमुना एक्सप्रेसवे के पास 79,000 वर्गमीटर जमीन दी गई थी और 75% सब्सिडी मंजूर की गई। लेकिन कंपनी ने 100 करोड़ की जरूरत के मुकाबले सिर्फ 15 करोड़ निवेश किया। बाद में नीति में बदलाव कर फिक्स्ड कैपिटल इन्वेस्टमेंट (FCI) को भी जोड़ा गया, लेकिन आरोप है कि कंपनी को यह लाभ पहले की तारीख से दे दिया गया। शासन के अधिकारियों ने मंत्री के इन आरोपों को बेबुनियाद और झूठा बताया है।