Lord Shiva Favorite Colors : सावन का महीना हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है, विशेष रूप से भगवान शिव की उपासना के संदर्भ में। यह महीना पूरी तरह भगवान शिव को समर्पित होता है, जिसमें भक्तगण पूजा, व्रत, रुद्राभिषेक, मंत्रोच्चारण और शिवलिंग पर जल चढ़ाने जैसी धार्मिक क्रियाएं करते हैं।
इस समय वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर जाता है और भक्त अपने आराध्य को प्रसन्न करने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं। इस सबके बीच रंगों की भूमिका भी बेहद अहम होती है, जिन्हें न केवल सौंदर्य से, बल्कि गहरे आध्यात्मिक भाव से जोड़ा जाता है।
भगवान शिव को प्रिय हैं ये रंग (Lord Shiva Favorite Colors)
हरा रंग: जीवन और प्रकृति का प्रतीक
हरा रंग सावन के महीने का प्रमुख रंग माना जाता है और यह भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। यह रंग प्रकृति, हरियाली, उर्वरता और जीवन के सतत प्रवाह का प्रतीक है। सावन के समय जब धरती हरियाली से आच्छादित होती है, तब हरे रंग का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकले विष को अपने कंठ में धारण किया था, तब विष के प्रभाव को कम करने के लिए हरी औषधियों का प्रयोग किया गया था। इसलिए हरा रंग भगवान शिव के त्याग, करुणा और प्रकृति से गहरे संबंध को दर्शाता है।
सफेद रंग: शांति और शुद्धता का प्रतिबिंब
भगवान शिव के वैरागी स्वरूप को दर्शाने वाला रंग है सफेद। यह रंग पवित्रता, सादगी और अध्यात्म का प्रतीक है। शिव को “दिगंबर” और “भस्मधारी” कहा गया है, जो वस्त्रों की मोह-माया से परे हैं और जिनका शरीर पवित्र भस्म से ढका होता है। सफेद भस्म जीवन की नश्वरता और वैराग्य का संदेश देती है। इसके अलावा, सफेद रंग सभी रंगों का समन्वय है, जो शिव के निराकार, अनंत और सर्वव्यापक स्वरूप को दर्शाता है। यही कारण है कि शिव पूजा में सफेद वस्त्रों और पुष्पों का विशेष स्थान होता है।
लाल रंग: शक्ति और सौभाग्य का प्रतीक
लाल रंग ऊर्जा, उत्साह और शक्ति का प्रतीक है। भगवान शिव केवल शांत तपस्वी ही नहीं, बल्कि संहारक भी हैं — जो अधर्म का विनाश करते हैं। यह रंग विशेष रूप से विवाहित महिलाओं के लिए सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। सावन में महिलाएं लाल रंग की साड़ी, चूड़ियां और बिंदी पहनकर शिव और पार्वती की कृपा प्राप्त करने का प्रयास करती हैं। अर्धनारीश्वर रूप में शिव पार्वती के साथ एकत्व को दर्शाते हैं और लाल रंग इस दिव्य मिलन का प्रतीक बनता है।
पीला रंग: ज्ञान और शुभता की छाया
पीले रंग को सकारात्मकता, बुद्धि और शुभता का रंग माना गया है। भगवान शिव को “आदिगुरु” यानी प्रथम गुरु कहा गया है, जिन्होंने योग, ध्यान और ज्ञान का मार्ग दिखाया। सावन में जब शिव और पार्वती की एक साथ पूजा की जाती है, तब पीला रंग विशेष रूप से महत्व रखता है क्योंकि यह देवी पार्वती से भी जुड़ा हुआ है। यह रंग भक्ति में स्थिरता, श्रद्धा और जीवन में शुभता लाने का प्रतीक माना जाता है।
रंगों का आध्यात्मिक महत्व
सावन में रंगों का उपयोग केवल धार्मिक परंपरा या सजावट तक सीमित नहीं है। हर रंग एक विशिष्ट ऊर्जा और भावनात्मक स्थिति को प्रकट करता है, जिसे शिव आराधना में समर्पण और शक्ति के रूप में अपनाया जाता है। ये रंग मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन को बढ़ावा देते हैं और भक्तों को शिव की कृपा प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर करते हैं। हरे रंग से प्रकृति का आशीर्वाद मिलता है, सफेद से शांति, लाल से शक्ति और पीले से ज्ञान और समृद्धि।
Disclaimer : इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य तथ्यों पर आधारित है। swatantrasamay.com इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।