छात्रों की आवाज़ ने दिलाया न्याय, डॉ. भरत सिंह को पद से हटाने का निर्णय शासन ने लिया

इंदौर, 11 जुलाई 2025 : मध्यप्रदेश शासन, किसान कल्याण और कृषि विकास विभाग द्वारा 07 जुलाई 2025 को जारी आदेश (क्रमांक: 1/1/20/0008/2025-O/OMIN-14(AGR)(C.N.492819)/95) के अनुसार इंदौर कृषि महाविद्यालय के डीन डॉ. भरत सिंह को गंभीर शिकायतों की जांच लंबित रहने तक तत्काल पद से हटाते हुए अन्यत्र स्थानांतरित करने के निर्देश दिए गए हैं।

कृषि महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा लंबे समय से उठाई जा रही आवाज़ और शिकायतों का परिणाम है। डॉ. भरत सिंह पर कैंपस को राजनीति का अखाड़ा बनाने छात्रों को चिन्हित करके पक्षपात पूर्ण कार्रवाई करने महिला प्रोफेसर के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप लगे थे।

शासन ने प्राप्त शिकायतों के आधार पर एक जांच समिति गठित की थी। समिति द्वारा प्रस्तुत प्रथम प्रतिवेदन में डॉ. भरत सिंह प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए, जिसके बाद माननीय मंत्री जी के अनुमोदन से शासन ने आदेश जारी किया।

आदेश में स्पष्ट निर्देश हैं कि – “प्रस्ताव अनुसार पद से पृथक कर तत्काल अन्यत्र कृषि महाविद्यालय अथवा विश्वविद्यालय में स्थानांतरित करें। गठित दल द्वारा विस्तृत जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को निर्देश जारी करें।”
विश्वविद्यालय को निर्देशित किया गया है कृषि महाविद्यालय इंदौर के वर्तमान डीन को हटाकर जांच पूर्ण होने तक अन्य वरिष्ठ प्रोफेसर को डीन बनाया जाए ।

कृषि महाविद्यालय इंदौर के सभी छात्र, इस निर्णय का स्वागत करते हैं और इसे छात्र-युवाओं की आवाज़ और एकजुट संघर्ष की जीत मानते हैं। यह हमारी उस लगातार चल रही मुहिम का हिस्सा है, जिसमें हमने शिक्षा संस्थानों में पारदर्शिता, जवाबदेही और छात्र अधिकारों की रक्षा के लिए निरंतर संघर्ष किया है।

हमारी सरकार से प्रार्थना है कि इंदौर कृषि महाविद्यालय में नया अधिष्ठाता योग्यता और ईमानदारी के आधार पर नियुक्त किया जाए। “ऐसा लगता हैं मानो कृषि महाविद्यालय इंदौर को कुलपति द्वारा ठेके पर दिया गया हो मिल बाटकर खाया जा रहा है इसलिए यूनिवर्सिटी डीन के ऊपर लगे इतने गंभीर आरोपों पर आंख मूंद कर बैठी है।

वर्तमान डीन के बनने के बाद से वरिष्ठ प्रोफेसर का ट्रांसफर कर दिया गया ताकि अन्य प्रोफेसर उनकी वरिष्ठता पर सवाल न उठा सके ,महिला प्रोफेसर को प्रताड़ित किया गया और उनके द्वारा शिकायत करने पर उन्हें ट्रांसफर कर दिया गया, जिन छात्रों ने कॉलेज में चल रही गड़बड़ियों को लेकर आवाज उठाई उनकी कम अटेंडेंस दिखाकर एग्जाम से वंचित कर दिया गया पक्षपात पूर्ण कार्रवाई की जा रही है ।”