यूपी पंचायत चुनाव : अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। इस दिशा में पहले चरण का काम पूरा कर लिया गया है, जिसमें ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन किया गया। अब अगला कदम ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत, जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत सदस्यों के पदों के लिए आरक्षण तय करना है। हालांकि आरक्षण प्रक्रिया की औपचारिक शुरुआत सितंबर या अक्टूबर में होने की उम्मीद है, लेकिन अधिकारियों ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। विभाग के अधिकारी विभिन्न वर्गों के आरक्षण को लेकर विचार-विमर्श कर रहे हैं ताकि प्रक्रिया को समय पर पूरा किया जा सके।
ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन पूरा, अब आरक्षण की बारी
पंचायती राज विभाग ने ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन पूरा कर लिया है। इस प्रक्रिया के बाद राज्य में ग्राम पंचायतों की कुल संख्या 504 घटकर अब 57,695 रह गई है। अब अगला चरण सीटों के आरक्षण का है। सूत्रों के अनुसार, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य पदों के आरक्षण का निर्धारण पुराने नियमों के अनुसार ही किया जाएगा। यह आरक्षण वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर तय किया जाएगा। विभाग ने इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं।
पंचायत चुनाव की तैयारी तेज, वार्ड निर्धारण को लेकर मांगे जाएंगे सुझाव
सूत्रों के मुताबिक, अब वार्डों के निर्धारण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और इसके लिए जल्द ही आपत्तियां और सुझाव मांगे जाएंगे। ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन अभी बाकी है, जिसे बनने में समय लग सकता है। आयोग के बनने के बाद भी उसे आरक्षण तय करने में करीब तीन महीने लग सकते हैं। इसलिए आरक्षण प्रक्रिया अक्तूबर तक ही शुरू होने की संभावना है। पिछली बार 2021 के पंचायत चुनाव में आरक्षित सीटों का नक्शा अब बदलेगा।