हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन करे और जीवन में उच्च शिखर तक पहुंचे। परंतु क्या आपने कभी सोचा है कि किसी छात्र की शैक्षणिक प्रगति सिर्फ मेहनत पर ही निर्भर नहीं करती?
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, बुध और बृहस्पति ग्रह शिक्षा के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाते हैं। ये ग्रह न केवल ज्ञान, बुद्धिमत्ता और सोचने की क्षमता को प्रभावित करते हैं, बल्कि बच्चों की शैक्षणिक सफलता में भी इनका योगदान महत्वपूर्ण होता है।
कुंडली से कैसे पहचानें शिक्षा की दिशा?
शैक्षणिक क्षमता और रुचियों का आंकलन करने के लिए कुंडली में विशेष भावों और ग्रहों की स्थिति को देखा जाता है:
- दूसरा भाव (घर): यह भाव बच्चे की प्रारंभिक शिक्षा के स्तर को दर्शाता है।
- चौथा भाव: माध्यमिक शिक्षा यानी स्कूल स्तर की पढ़ाई को समझने के लिए इस भाव का विश्लेषण किया जाता है।
- पंचम भाव: यह भाव दर्शाता है कि स्नातक स्तर (Graduation) पर विद्यार्थी की स्थिति कैसी रहेगी।
- नवम भाव: उच्च शिक्षा, जैसे पोस्ट ग्रेजुएशन, रिसर्च आदि के लिए इस भाव को देखा जाता है।
अगर कुंडली में पंचम और नवम भाव के स्वामी ग्रह आपस में युति, दृष्टि या भाव परिवर्तन योग में हों, तो यह बहुत शुभ संकेत होता है और जातक को उच्च शिक्षा में सफलता मिलती है।
कब रुक जाती है पढ़ाई की राह?
कुछ विशेष ग्रह योग ऐसे होते हैं जो शिक्षा में बाधा या रुकावट पैदा कर सकते हैं। उदाहरण के लिए:
- कुंडली में बुध यदि नीच राशि में हो या अस्त हो जाए,
- बृहस्पति अगर कमजोर या नीच राशि में हो,
- सूर्य नीच राशि में स्थित हो,
- या फिर मंगल की बुध पर अशुभ दृष्टि हो,
तो ये स्थितियां बच्चों की शिक्षा में अड़चनें ला सकती हैं। ऐसे योग में बच्चों को पढ़ाई में मन नहीं लगता, बार-बार विषय बदलते हैं या पढ़ाई अधूरी रह जाती है।
किस ग्रह का क्या असर होता है शिक्षा पर?
हर ग्रह शिक्षा और करियर के किसी न किसी क्षेत्र को प्रभावित करता है। आइए जानते हैं किस ग्रह का क्या प्रभाव होता है:
- चंद्रमा: यदि मजबूत हो तो बच्चे में रचनात्मकता, साहित्यिक अभिरुचि, कला और चिकित्सा के प्रति रुचि बढ़ती है।
- सूर्य: शक्तिशाली सूर्य सरकारी सेवाओं या नेतृत्व वाले पदों पर सफलता दिला सकता है।
- मंगल: अगर प्रभावशाली हो, तो जातक को सेना, पुलिस, इंजीनियरिंग या निर्माण क्षेत्र में सफलता मिलती है।
- बुध: यह ग्रह शिक्षा, लेखन, गणना, भाषा और संवाद का कारक है। मजबूत बुध मीडिया, संचार और कूटनीति जैसे क्षेत्रों में सफलता दिलाता है।
- बृहस्पति: यदि उच्च स्थिति में हो तो जातक को गुरु, शिक्षक, वकील या धार्मिक उपदेशक बनने की योग्यता मिलती है।
- शुक्र: यह कला, सौंदर्य और अभिव्यक्ति का प्रतीक है। मजबूत शुक्र वाले जातक संगीत, नृत्य, अभिनय और फैशन में निपुण होते हैं।
- शनि: अनुशासन और कठोर परिश्रम का प्रतीक। शनि का अच्छा प्रभाव लेखन, रिसर्च और स्टडी में गहराई लाता है।
- राहु: उच्च स्थिति में यह ग्रह गणित, व्यापार, राजनीति और चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में तेज़ सफलता दिला सकता है।
- केतु: यह ग्रह गूढ़ ज्ञान और उच्च शिक्षा में रुचि पैदा करता है। बुद्धिमत्ता और मनोवैज्ञानिक सोच की क्षमता में वृद्धि करता है।
Disclaimer : इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य तथ्यों पर आधारित है। swatantrasamay.com इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।