मध्यप्रदेश में पिछले एक सप्ताह से भारी बारिश का सिलसिला थमा नहीं है। शुक्रवार को राज्य के सिवनी, छतरपुर, उमरिया, सतना, कटनी, मैहर जैसे कई जिलों में हालात बाढ़ जैसे बन गए। कई इलाकों में सड़कों पर पानी भर गया, निचले क्षेत्रों में घरों और दुकानों में पानी घुस गया। प्रदेश में अब तक औसतन करीब 16 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है, जो सामान्य से कहीं ज्यादा है। खासकर पूर्वी हिस्से में इसका प्रभाव अधिक देखा जा रहा है।
मंडला में सबसे अधिक नुकसान, 7 की मौत
मंडला जिला इस बार की बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां अब तक बाढ़ और बारिश से 7 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 2 लोग अभी भी लापता हैं। 300 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं और कई सड़कें तथा पुल-पुलियां ढह गई हैं। जिले में 312 लोगों को सुरक्षित निकालकर 7 राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। प्रशासन की टीम लगातार राहत और बचाव कार्य में लगी हुई है।
सिवनी में 9 घंटे में 6.5 इंच पानी
शुक्रवार को सिवनी जिले में भारी बारिश हुई। महज 9 घंटे में 6.5 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई, जिससे शहर की कई कॉलोनियां जलमग्न हो गईं। वहीं छतरपुर के खजुराहो में 2.5 इंच, उमरिया और नौगांव में 1.8 इंच, सतना में 1.1 इंच, और पचमढ़ी व ग्वालियर में लगभग आधा इंच बारिश दर्ज की गई। कटनी, शहडोल, सीधी, मैहर, मऊगंज जिलों में भी हालात बेहद खराब रहे। कई जगहों पर घरों और दुकानों में पानी भर गया।
हरसी डैम ओवरफ्लो, 20 गांव खतरे में
शिवपुरी और ग्वालियर की सीमा पर स्थित हरसी बांध पूरी तरह भर चुका है और अब ओवरफ्लो कर रहा है। इससे आसपास के लगभग 20 गांवों में पानी घुसने का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए राहत दल तैनात कर दिए हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।
10 जिलों में अति भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने शनिवार के लिए 10 जिलों में ऑरेंज अलर्ट (अति भारी बारिश) जारी किया है। इन जिलों में छतरपुर, दमोह, सागर, कटनी, जबलपुर, रायसेन, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा और नर्मदापुरम शामिल हैं। यहां 24 घंटे के भीतर 8 इंच तक बारिश होने की संभावना है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति और विकराल हो सकती है।
35 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी
इसके अलावा 35 अन्य जिलों में भी भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। इनमें भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन, नीमच, मंदसौर, रतलाम, आगर-मालवा, राजगढ़, देवास, शाजापुर, विदिशा, सीहोर, हरदा, बैतूल, पांढुर्णा, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, मैहर, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला और बालाघाट जैसे जिले शामिल हैं।
तीन टर्फ लाइनों का असर, अगले 5 दिन भी राहत नहीं
मौसम विभाग की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने जानकारी दी है कि इस समय मध्यप्रदेश से तीन टर्फ लाइनें गुजर रही हैं। इनमें से एक मुख्य मानसून टर्फ है, जो राज्य पर भारी प्रभाव डाल रही है। इनके प्रभाव से अगले चार से पांच दिन तक इसी तरह का मौसम बने रहने की संभावना है — यानी बारिश थमने के फिलहाल कोई आसार नहीं हैं।
प्रशासन की तैयारियाँ और रेस्क्यू ऑपरेशन
प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में NDRF व SDRF की टीमें तैनात की हैं। नदियों के किनारे और डूब क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। राहत शिविरों में खाने-पीने की व्यवस्थाएं की गई हैं। गांवों और कस्बों में भीड़भाड़ वाले इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई है।