अहमदाबाद में हुए भीषण विमान दुर्घटना को पूरा एक महीना हो गया। आज ही के दिन, 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 टेक ऑफ करने के कुछ ही मिनट में एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत पर क्रैश होकर गिर गई थी। हादसे में 270 लोगों की बेहद दर्दनाक मौत हुई थी।
एएआईबी कर रहा है हादसे के कारणों की जांच
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की ओर से प्रारंभिक जांच रिपोर्ट आ चुकी है। जांचकर्ताओं को हादसे के दूसरे दिन फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) और तीसरे दिन कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) मिल गया था। अहमदाबाद प्लेन क्रैश की जांच विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) कर रहा है। विमान अमेरिकी कंपनी बनाती है इसलिए अमेरिकी नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड भी अलग से जांच
नहीं मिली विमान में कोई खराबी
हादसे की जांच में अभी तक बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान और उसके जीई एयरोस्पेस इंजन में किसी तरह की तकनीक खराबी नहीं बताई जा रही है। इससे अब प्लैन क्रैश होने का कारण खोजना और अधिक जांच की मांग कर रहा है।
ब्लैक बॉक्स में दिखा फ्यूल स्विच के मूवमेंट
अमेरिका की विमानन वेबसाइट दि एयर कंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार विमान के ब्लैक बॉक्स के शुरुआती डेटा में दोनों इंजन के फ्यूल स्विच के मूवमेंट की बात सामने आई है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इंजन के फ्यूल स्विच में मूवमेंट पायलट गलती थी या तकनीकी खामी। यहीं अमेरिका के विमानन सुरक्षा विशेषज्ञ जॉन कॉक्स का कहना है कि यह स्विच इतना सेंसटिव नहीं होता है कि गलती से हाथ लगने से ऑन या ऑफ हो जाए। इस जमीन पर ही ऑन/ऑफ किया जा सकता है।
कितना और क्यों अहम है फ्यूल स्विच ?
ड्रीमलाइनर विमान के दोनों इंजनों में कटऑफ और रन नाम की दो पोजिशन होती हैं। जब विमान में होता है, तब स्विच कटऑफ कर दिया जाए तो इंजन को फ्यूल मिलना बंद हो जाता है। इससे इंजन की ताकत (थ्रस्ट) खत्म हो जाती है। विमान में बिजली सप्लाई भी रुक सकती है, जिससे कॉकपिट के कई उपकरण भी बंद हो सकते हैं। अहमदाबाद प्लेन क्रैश में लोगों का मानना है कि पायलट ने इमरजेंसी में फ्यूल स्विच दबाया होगा।
बोइंग की मानक प्रक्रिया (SOP) है- ‘ डुअल इंजन फेल होने पर पायलट का तुरंत एक्शन लेना होता है और दोनों स्विच को ऑन/ऑफ कर ईईसी को रीसेट करना होता है ताकि इंजन फिर से ऑन हो सके। इस प्रक्रिया को विंडमिल स्टार्ट कहते हैं। यानी कि अगर पायलट ने फ्यूल स्विच दबाया है तो जरूर इंजन में खामी आई होगी।
शुरुआती जांच रिपोर्ट के मुताबिक, विमान में इमरजेंसी में इस्तेमाल किया जाने वाला RAT एअर टरबाइन एक्टिव था, जोकि इशारा करता है कि दोनों इंजन बंद हो गए थे। ऐसी सिचुएशन में इतनी कम ऊंचाई पर इंजन को फिर से ऑन करना बेहद मुश्किल है।
अन्य पहलुओं की अब होगी जांच
अहमदाबाद प्लेन क्रैश में विमान उड़ाने वाले पायलट के बैकग्राउंड भी जांचे जा रहे हैं। दोनों पायलट – कैप्टन सुमित भररवाल के पास 8200 घंटे और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर के पास 1100 घंटे की उड़ान का अनुभव था। प्लेन क्रैश की जांच हर एंगल से की जा रही है। साजिश की आशंका को भी खंगाला जा रहा है। क्रैश की वजह अभी पता नहीं चल पाई है।
3 महीने की विस्तृत जांच में होगा खुलासा
हादसा इंजन में खामी, फ्यूल सप्लाई में दिक्कत या फिर तकनीकी गड़बड़ी के कारण हुआ। ब्लैक बॉक्स देश में ही है, उसे जांच के लिए विदेश नहीं भेजा गया है। अभी सीवीआर और एफडीआर की जांच हो रही है। सीसीटीवी फुटेज देख गए। एएआईबी के साथ कई एजेंसियां मिलकर जांच में जुटी हैं। 3 महीने के भीतर विस्तृत रिपोर्ट आ जाएगी।
एयर इंडिया के सभी ड्रीमलाइनर विमान की हुई जांच
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर ने बताया कि नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) के आदेश पर एयर इंडिया के सभी 33 ड्रीमलाइनर विमानों की जांच की गई। विमान पूरी तरह सुरक्षित पाए गए हैं। लोग बिना डरे यात्रा कर सकते हैं।