चुनाव आयोग: 75% गणना फॉर्म जमा, समीक्षा प्रक्रिया तेज़ की गई

चुनाव आयोग : बिहार में मतदाता सूची की पुनरीक्षण प्रक्रिया तेजी से चल रही है। निर्वाचन आयोग ने बताया कि बिहार के 7.90 करोड़ मतदाताओं में से 74.39% ने अपने गणना फॉर्म जमा कर दिए हैं, जबकि फॉर्म जमा करने की आखिरी तारीख में 14 दिन बाकी हैं। एसआईआर विशेष गहन पुनरीक्षण के दूसरे चरण में, बूथ लेवल अधिकारी बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं से गणना फॉर्म एकत्र कर रहे हैं। 38 जिला निर्वाचन अधिकारी और अन्य पदाधिकारी इस प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं ताकि सभी विधानसभा क्षेत्रों में पुनरीक्षण का काम सही तरीके से हो सके।

मतदाता पुनरीक्षण में सफलता

आयोग के अनुसार, 24 जून 2025 को एसआईआर निर्देशों के जारी होने के बाद पिछले 17 दिनों में 5.87 करोड़ गणना प्रपत्र एकत्र किए गए हैं, जो कुल प्रपत्रों का 74.39% हैं। प्रपत्र 25 जुलाई 2025 तक जमा किए जा सकते हैं। 77,895 बीएलओ, 20,603 नए बीएलओ और अन्य चुनाव अधिकारी समय पर यह काम पूरा करने के लिए मेहनत कर रहे हैं। इसके साथ ही 4 लाख स्वयंसेवक और 1.56 लाख सक्रिय बूथ एजेंट भी सहायता प्रदान कर रहे हैं।

विरोधी पार्टियों ने बीएलए की संख्या को बढ़ाया

बिहार में मतदाता सूची की विशेष गहन जांच एसआईआर के लिए राजनीतिक दलों ने 1.5 लाख से अधिक बूथ स्तर के प्रतिनिधि (बीएलए) नियुक्त किए हैं। चुनाव आयोग के अनुसार, विरोध कर रहे दलों ने अपने एजेंटों की संख्या कई गुना बढ़ा दी है। 24 जून के बाद से बीएलए की संख्या में 13% की वृद्धि हुई है। भाकपा (माले) लिबरेशन ने सबसे ज्यादा 446% वृद्धि की है, इसके बाद माकपा (666%) और कांग्रेस (92%) का नंबर है। भाकपा (माले) लिबरेशन के कुणाल ने कहा कि वे हर मतदाता को शामिल करना चाहते हैं।

कांग्रेस ने अपने बीएलए की संख्या दोगुनी की

भाकपा (माले) लिबरेशन ने अपने एजेंटों की संख्या को करीब चार गुना बढ़ा दिया, जो 233 से 1,227 हो गई। कांग्रेस ने भी अपने बीएलए की संख्या 8,586 से बढ़ाकर 16,500 कर दी। नीतीश कुमार की जदयू ने 6,000 नए बीएलए तैनात किए। भाजपा के पास सबसे ज्यादा 52,689 बीएलए हैं, जबकि राजद के पास 47,504 बीएलए हैं। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के पास 1,153 एजेंट हैं।