Sawan 2025 : पितरों की कृपा चाहिए? तो सावन में करें ये उपाय और पाएं पितृ दोष से राहत

Sawan 2025 : सावन का पावन महीना 11 जुलाई से आरंभ हो चुका है और इसका पहला सोमवार 14 जुलाई को पड़ रहा है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और श्रद्धालु इसका बेसब्री से इंतजार करते हैं। यह मास केवल भोलेनाथ की भक्ति के लिए ही नहीं, बल्कि पितृ दोष निवारण के लिए भी अत्यंत शुभ माना जाता है।

धर्मशास्त्रों और ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, सावन में किए गए कुछ विशेष उपाय पितरों की कृपा दिलाते हैं और जीवन के कई कष्टों को समाप्त करने में सहायक होते हैं।

शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाने से पितरों की आत्मा को मिलता है शांति

सावन के महीने में शिवलिंग पर गंगाजल अर्पण करना अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि मां गंगा, भगवान शिव की जटाओं से प्रकट हुई थीं, इसलिए गंगाजल शिवजी को विशेष प्रिय है। जब कोई व्यक्ति पितृ दोष से मुक्ति चाहता है, तो उसे प्रतिदिन गंगाजल से अभिषेक करना चाहिए। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। यह उपाय विशेष रूप से सोमवार के दिन करने से अधिक प्रभावकारी माना गया है।

पितृ दोष से राहत पाने का प्रभावशाली उपाय

शिव जी का प्रसिद्ध पंचाक्षरी बीज मंत्र ‘ॐ नमः शिवाय’ न केवल आत्मिक शांति देता है, बल्कि इसे पितृ दोष के निवारण के लिए भी अत्यंत प्रभावशाली माना गया है। सावन के पूरे महीने, विशेषकर सोमवार को रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का 108 बार जाप करने से महादेव की कृपा प्राप्त होती है। यह साधना मानसिक तनाव को कम करती है और साथ ही पितरों की आत्मा को भी तृप्ति प्रदान करती है, जिससे कुंडली में उपस्थित पितृ दोष धीरे-धीरे शांत होने लगता है।

शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय करें ‘ॐ गंगे नमः’ का जाप

प्रतिदिन सुबह शिवलिंग पर जल चढ़ाना सावन में अत्यंत शुभ माना गया है। लेकिन यदि इस प्रक्रिया को ‘ॐ गंगे नमः’ मंत्र के जाप के साथ किया जाए तो इसका प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है। यह मंत्र जल को पवित्र करता है और जब इसे शिवलिंग पर अर्पित किया जाता है, तो भगवान शिव के साथ-साथ मां गंगा और पितरों की कृपा भी प्राप्त होती है। यह साधना न केवल पुण्य प्रदान करती है, बल्कि पारिवारिक जीवन में भी सुख-शांति का वातावरण बनाती है।

पितृ शांति के लिए करें विशेष मंत्रों का जाप

पितृ दोष की शांति के लिए विशेष मंत्रों का जाप सावन में अत्यंत प्रभावकारी माना गया है। ‘ॐ पितृभ्य नमः’ और ‘ॐ पितृदेवतायै नमः’ मंत्रों का रोजाना सुबह-शाम जाप करने से पूर्वजों की आत्मा को तृप्ति मिलती है। साथ ही, यह जीवन की बाधाओं को दूर कर समृद्धि की राह खोलता है। यदि ये मंत्र विशेष रूप से सावन सोमवार को जपे जाएं, तो इनका फल कई गुना बढ़ जाता है।

पवित्रता और दोष निवारण का विशेष उपाय

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, सावन में गंगा माता के 108 पवित्र नामों का जप करना विशेष फलदायी होता है। यह न केवल पितृ दोष को शांत करता है, बल्कि अन्य नकारात्मक ग्रहों के प्रभाव को भी समाप्त करता है। सावन सोमवार को इन नामों का उच्चारण करते हुए शिवलिंग पर जल अर्पित करने से अत्यधिक पुण्य की प्राप्ति होती है और पूर्वजों की आत्मा को गहरी तृप्ति मिलती है।