सीएम योगी ने ‘पशु नस्ल विकास’ विषयक कार्यशाला का किया शुभारंभ

सीएम योगी : लखनऊ में ‘भारत में पशु नस्लों का विकास’ पर एक कार्यशाला हुई। इसका शुभारंभ सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया। उन्होंने गोरखपुर के कृत्रिम गर्भाधान केंद्र और यूपी के तीन प्रोजेक्ट का भी उद्घाटन किया। कार्यक्रम में कई मंत्री भी मौजूद थे। सीएम ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और किसान की समृद्धि जरूरी है। खेती और पशुपालन एक-दूसरे से जुड़े हैं। पीएम मोदी की सरकार ने किसानों की मदद के लिए कई कदम उठाए हैं। यूपी देश में दूध उत्पादन में सबसे आगे है।

स्थानीय नस्लों का हो रहा है तेजी से क्षय

सीएम योगी ने एफएमडी बीमारी के बारे में बताया कि वैक्सीनेशन शुरू हुआ था, लेकिन बीच में रुका। उन्होंने कहा कि पशुओं का स्वास्थ्य उनके इलाके, पालन और नस्ल पर निर्भर करता है। यूपी के अलग-अलग इलाकों में अलग तरह के गोवंश हैं। जो लोग देसी तरीकों से नस्ल सुधारने की कोशिश कर रहे हैं, वे सफल हुए हैं, लेकिन कई जगह पशुधन पिछड़ा हुआ है। कई स्थानीय नस्लें अब खत्म होने की तरफ हैं। अगर उनका ध्यान रखा जाए, तो पशुपालकों को फायदा होगा। यूपी में कई मिल्क प्रोड्यूसर हैं, जिनसे लाखों महिलाएं जुड़ी हैं।

10 हजार से अधिक परिवारों को गाय वितरण

सीएम ने तीन योजनाओं के बारे में बताया। पहली योजना में सरकार 12 लाख गायों की देखभाल अपने आश्रय स्थलों में करती है। दूसरी योजना के तहत, पशुपालकों को चार-चार गायें दी जाती हैं और हर गाय की देखभाल के लिए महीने में 1500 रुपये दिए जाते हैं। इस योजना में 1.25 लाख किसान और दो लाख से ज्यादा पशुधन शामिल हैं। तीसरी योजना में कमजोर परिवारों को आश्रय स्थल से गाय दी जाती है। अब तक 10 हजार से ज्यादा परिवारों को एक-एक गाय दी जा चुकी है। हर महीने 1500 रुपये गाय की देखभाल के लिए मिलते हैं।