प्रोटीन एक ऐसा अनिवार्य पोषक तत्व है जो शरीर के संपूर्ण विकास, कोशिकाओं के निर्माण और मरम्मत में अहम भूमिका निभाता है। यही कारण है कि इसे शरीर का “बिल्डिंग ब्लॉक” कहा जाता है।
यह न केवल मांसपेशियों, त्वचा, बाल, नाखूनों और एंजाइम्स के लिए जरूरी है, बल्कि हार्मोन के निर्माण और ऊर्जा के स्रोत के रूप में भी काम करता है। पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन के बिना शरीर धीरे-धीरे कमजोर होने लगता है और इसकी कार्यक्षमता पर असर पड़ता है।
प्रोटीन की कमी
जब शरीर को जरूरत के अनुसार प्रोटीन नहीं मिलता, तो धीरे-धीरे इसके लक्षण उभरने लगते हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता घटने लगती है और व्यक्ति बार-बार बीमार पड़ने लगता है। साथ ही मांसपेशियों की कमजोरी, थकावट और घावों का धीरे भरना जैसी समस्याएं भी सामने आती हैं। विशेष रूप से बच्चों के लिए यह स्थिति और भी चिंताजनक होती है क्योंकि यह उनके शारीरिक और मानसिक विकास को रोक सकती है।
कैसे पहचानें प्रोटीन की कमी? जानिए मुख्य लक्षण
लगातार थकान और कमजोरी
प्रोटीन की कमी का पहला और सबसे सामान्य लक्षण है, हर समय थकावट महसूस होना। शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस होती है और मामूली काम से भी व्यक्ति जल्दी थक जाता है।
बालों और नाखूनों में बदलाव
जब शरीर में पर्याप्त प्रोटीन नहीं होता, तो इसका असर सबसे पहले बालों और नाखूनों पर दिखता है। बाल झड़ने लगते हैं, रूखे और बेजान हो जाते हैं। नाखूनों में दरार आना, टूटना और उनका कमजोर होना भी प्रोटीन की कमी का संकेत हो सकता है।
त्वचा की समस्याएं
प्रोटीन त्वचा की मरम्मत और नमी बनाए रखने के लिए आवश्यक है। इसकी कमी से त्वचा रूखी, खुजलीदार और बेजान हो सकती है। कई बार त्वचा पर रैशेज़ और एलर्जी भी दिखने लगते हैं।
इम्यून सिस्टम का कमजोर होना
रोगों से लड़ने की शक्ति यानी इम्यूनिटी भी प्रोटीन पर निर्भर करती है। यदि शरीर को पर्याप्त प्रोटीन नहीं मिलता, तो बार-बार इंफेक्शन, सर्दी, खांसी और बुखार जैसी समस्याएं होती हैं। साथ ही चोट या घाव भी देर से ठीक होते हैं।
बच्चों में विकास रुक जाना
प्रोटीन की कमी बच्चों के लिए गंभीर खतरा बन सकती है। इसका असर उनकी हाइट, वजन और संज्ञानात्मक विकास पर पड़ता है। ऐसे बच्चे कमजोर, दुबले और पढ़ाई में कम ध्यान देने वाले हो सकते हैं।
प्रोटीन की कमी को कैसे करें दूर?
स्वस्थ शरीर के लिए डेली डाइट में प्रोटीन का होना अनिवार्य है। शाकाहारी लोग दालें, चना, सोया, मूंगफली, टोफू, दूध और पनीर को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। वहीं मांसाहारी लोगों के लिए अंडा, चिकन और मछली अच्छे विकल्प हैं।
यदि किसी व्यक्ति में प्रोटीन की कमी अधिक पाई जाती है, तो डॉक्टर की सलाह लेकर प्रोटीन सप्लीमेंट का सेवन किया जा सकता है। लेकिन ध्यान रखें, बिना चिकित्सकीय परामर्श के किसी भी प्रकार का सप्लीमेंट लेना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।