देश में इन दिनों महंगाई एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। खाने-पीने की वस्तुओं से लेकर रोजमर्रा के सामान तक की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है। आम आदमी खासकर मिडिल क्लास और लोअर इनकम ग्रुप इस महंगाई की मार सबसे ज्यादा झेल रहा है। ऐसे में अब उम्मीद की जा रही है कि केंद्र सरकार और जीएसटी काउंसिल कुछ बड़े फैसले ले सकते हैं।
जीएसटी काउंसिल की बैठक से राहत की उम्मीद
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आगामी जीएसटी काउंसिल की बैठक में आम जनता को महंगाई से राहत देने के लिए कई अहम फैसले हो सकते हैं। बताया जा रहा है कि काउंसिल 12% टैक्स स्लैब में शामिल कुछ जरूरी कंज्यूमर गुड्स पर जीएसटी दर को घटाने पर विचार कर रही है। अगर यह फैसला होता है, तो इन वस्तुओं की कीमतों में गिरावट आ सकती है, जिससे जनता को सीधा फायदा मिलेगा।
रोजमर्रा के जरूरी सामान हो सकते हैं सस्ते
यदि जीएसटी में संशोधन किया गया, तो कई दैनिक उपभोग की वस्तुएं सस्ती हो सकती हैं। इनमें मक्खन, घी, फलों का जूस, नारियल पानी, अचार, जैम, चटनी और प्रोसेस्ड फूड जैसी वस्तुएं शामिल हैं। इसके अलावा टूथपेस्ट, छाता, साइकिल, मोबाइल फोन और जूते-चप्पल जैसी रोजमर्रा की चीजें भी शामिल हैं, जिनकी कीमतों में कटौती आम उपभोक्ता के लिए राहतभरी हो सकती है।
मोबाइल फोन से लेकर जूते-छाते तक घट सकते हैं दाम
खासतौर पर मिडिल क्लास परिवारों के लिए यह फैसला राहत का पैगाम हो सकता है। मोबाइल फोन, साइकिल और छाते जैसे उत्पादों की कीमत में कमी आने से तकनीकी और व्यक्तिगत जरूरतों की पूर्ति करना ज्यादा सस्ता हो जाएगा। बच्चों के लिए स्कूल शूज़ और बारिश के मौसम में जरूरी छाते जैसी वस्तुएं किफायती होंगी।
महंगे इलेक्ट्रॉनिक्स और एसी पर भी मिल सकती है राहत
रिपोर्ट्स के मुताबिक, महंगे इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद जैसे एयर कंडीशनर पर भी जीएसटी में राहत मिल सकती है। अगर ऐसा हुआ, तो गर्मी के मौसम में कूलिंग प्रोडक्ट्स खरीदने की योजना बना रहे ग्राहकों को बड़ी राहत मिलेगी। इससे उत्पादों की बिक्री में भी इजाफा होने की उम्मीद जताई जा रही है।
इंश्योरेंस सेक्टर में भी टैक्स कटौती की संभावना
सरकार टर्म इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस पर लगने वाले 18% जीएसटी को घटाकर 12% करने पर विचार कर रही है। यह फैसला खासतौर पर मिडिल क्लास और वरिष्ठ नागरिकों के लिए राहतदायक हो सकता है। स्वास्थ्य सेवाओं पर कम टैक्स का सीधा लाभ आम लोगों को मिलेगा और बीमा लेना अधिक सुलभ हो जाएगा।
राज्यों की सहमति के बाद ही लागू होंगे बदलाव
हालांकि, इन सभी फैसलों को अमल में लाने से पहले सरकार को राज्यों की सहमति लेनी होगी। चूंकि जीएसटी एक संयुक्त कर प्रणाली है, इसलिए केंद्र और राज्य सरकारों दोनों की सहमति जरूरी है। लेकिन यदि आम सहमति बनती है, तो ये फैसले बहुत जल्द लागू हो सकते हैं।
महंगाई से राहत की उम्मीद, लेकिन नजरें मीटिंग पर
आम जनता फिलहाल महंगाई से बेहाल है और सरकार की अगली रणनीति पर टकटकी लगाए बैठी है। अगर जीएसटी काउंसिल इन सुझावों को हरी झंडी देती है, तो बहुत जल्द खाने-पीने से लेकर टेक्नोलॉजी और हेल्थ सेक्टर तक में राहत देखने को मिल सकती है।