भारत की सनातन परंपरा में दान न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह समाज में सामंजस्य, सेवा और आत्मिक संतोष का माध्यम भी माना जाता है। चाहे मंदिरों में दान किया जाए या ज़रूरतमंदों को मदद पहुंचाई जाए, हर रूप में दान मानवता और आध्यात्मिक उन्नति का रास्ता खोलता है। ज्योतिष शास्त्र और धार्मिक ग्रंथों में भी दान को मोक्ष प्राप्ति का एक सशक्त साधन बताया गया है।
ग्रहों को प्रसन्न करने का उपाय
ज्योतिष में यह स्पष्ट रूप से बताया गया है कि दान का संबंध व्यक्ति की कुंडली में मौजूद ग्रहों की स्थिति से होता है। यदि कोई ग्रह अशुभ प्रभाव डाल रहा हो, तो उससे जुड़ी वस्तु का विधिपूर्वक दान करने से उसका नकारात्मक असर कम हो सकता है। यही कारण है कि अलग-अलग दिन अलग ग्रहों से जुड़े माने गए हैं और उनके अनुसार दान करने की सलाह दी जाती है।
रविवार
सप्ताह का पहला दिन रविवार सूर्य देव को समर्पित होता है। इस दिन गेहूं, गुड़, लाल वस्त्र, तांबा और लाल फूलों का दान शुभ माना जाता है। इससे व्यक्ति को यश, सम्मान, बेहतर स्वास्थ्य और आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है।
सोमवार
चंद्र देव का दिन सोमवार है। चंद्रमा मन और माता के कारक हैं, अतः इस दिन सफेद वस्त्र, चावल, दूध, दही, चांदी या मोती जैसी वस्तुओं का दान करने से मानसिक शांति और पारिवारिक सामंजस्य बना रहता है।
मंगलवार
मंगलवार को साहस, पराक्रम और भूमि के कारक ग्रह मंगल देव की पूजा होती है। इस दिन लाल वस्त्र, मसूर की दाल, लाल चंदन, शस्त्र या भूमि संबंधी सामग्री, और बूंदी के लड्डू का दान शुभ माना गया है। यह दान विशेष रूप से विवाद और कोर्ट-कचहरी के मामलों से राहत दिला सकता है।
बुधवार
बुध ग्रह वाणी, व्यापार और बुद्धि के कारक होते हैं। बुधवार को हरी मूंग दाल, हरे कपड़े, कपूर, मिश्री, और अगर संभव हो तो पन्ना रत्न का दान करने से व्यापार में सफलता और संवाद कौशल में निखार आता है।
गुरुवार
गुरुवार बृहस्पति ग्रह का दिन है, जिसे धर्म, ज्ञान और संतान का प्रतीक माना गया है। इस दिन पीली वस्तुएं जैसे चना दाल, हल्दी, केसर, पीले वस्त्र और धार्मिक ग्रंथों का दान बेहद फलदायी होता है। यदि कोई स्वर्ण का दान कर सके तो यह और भी पुण्यकारी माना जाता है।
शुक्रवार
शुक्र ग्रह भौतिक सुख, कला, प्रेम और सौंदर्य के कारक हैं। शुक्रवार को इत्र, चांदी, सफेद कपड़े, दही, चावल, और सौंदर्य प्रसाधनों का दान करने से जीवन में आकर्षण, रिश्तों में मिठास और भौतिक सुखों में वृद्धि होती है।
शनिवार
शनिवार को न्यायप्रिय ग्रह शनि देव की उपासना की जाती है। इस दिन काले तिल, सरसों का तेल, लोहे की वस्तुएं, उड़द की दाल, काले वस्त्र और कंबल का दान अत्यंत शुभ माना गया है। यह दान शनि की अशुभ दशाओं को शांत कर जीवन में स्थिरता और सुरक्षा प्रदान करता है।
सबसे शुभ दिन कौन सा है दान के लिए?
हालांकि पूरे सप्ताह में किसी भी दिन श्रद्धा और सामर्थ्य के अनुसार दान करना पुण्यकारी होता है, लेकिन गुरुवार और शनिवार को विशेष रूप से दान को अत्यधिक फलदायक माना गया है। गुरुवार ज्ञान और धर्म का प्रतीक होने के कारण धार्मिक दान के लिए आदर्श है, जबकि शनिवार को शनि की दृष्टि को शांत करने के लिए गरीबों और ज़रूरतमंदों को दान करना अत्यंत लाभकारी होता है।