पांच हाई कोर्ट को मिला नया नेतृत्व, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दी नियुक्ति को मंजूरी

देश की न्यायपालिका में एक महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार, 14 जुलाई को देश के पांच उच्च न्यायालयों में नए मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी।

केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में इस संबंध में जानकारी दी गई है। यह नियुक्ति मध्य प्रदेश, कर्नाटक, झारखंड, गुवाहाटी और पटना हाई कोर्ट के लिए की गई है, जिससे न्यायिक प्रशासन को नया नेतृत्व मिलेगा।

इन न्यायमूर्तियों को मिली मुख्य न्यायाधीश की ज़िम्मेदारी

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में वर्तमान में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा को अब पूर्णकालिक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। वहीं दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश विभु बाखरू को कर्नाटक उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया है। इसके अलावा, पटना हाई कोर्ट में कार्यवाहक चीफ जस्टिस आशुतोष कुमार को गुवाहाटी हाई कोर्ट भेजा गया है, जहां वे नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालेंगे।


इसी कड़ी में, पटना हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विपुल मनुभाई पंचोली को पटना हाई कोर्ट का नया चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया है। वहीं, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान को झारखंड हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया है।

कोलेजियम की सिफारिशों पर आधारित हैं ये नियुक्तियां

उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की जगह अब वर्तमान चीफ जस्टिस बी.आर. गवई की अध्यक्षता में गठित सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने इन नियुक्तियों की सिफारिश की थी। कॉलेजियम ने न्यायिक प्रणाली में योग्य और अनुभवी जजों को प्रमोट कर उन्हें उच्च न्यायालयों में नेतृत्व देने की सिफारिश की, जिसे राष्ट्रपति ने मंजूरी दी।

कुछ मुख्य न्यायाधीशों का हुआ स्थानांतरण

इन नियुक्तियों के अलावा, न्यायाधीशों के स्थानांतरण की प्रक्रिया भी साथ-साथ जारी रही। मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव को राजस्थान हाई कोर्ट से मद्रास हाई कोर्ट स्थानांतरित किया गया है, जहां वे अब मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण करेंगे। अपरेश कुमार सिंह को त्रिपुरा हाई कोर्ट से तेलंगाना हाई कोर्ट स्थानांतरित किया गया है।

इसके अतिरिक्त, एमएस रामचंद्र राव को झारखंड हाई कोर्ट से स्थानांतरित कर त्रिपुरा हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश बनाया गया है। वहीं केआर श्रीराम का स्थानांतरण मद्रास हाई कोर्ट से राजस्थान हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश के पद पर हुआ है।

न्यायपालिका को मिला नया नेतृत्व

इन नियुक्तियों और स्थानांतरणों से देश की न्यायिक व्यवस्था में एक नई ऊर्जा का संचार होने की संभावना है। न्यायालयों में न्याय प्रक्रिया को गति, पारदर्शिता और कुशल प्रशासन मिलने की उम्मीद है। इससे न केवल लंबित मामलों के निपटारे में तेजी आएगी, बल्कि जनता का न्यायपालिका में विश्वास भी और मजबूत होगा।