‘गगनयान मिशन की दिशा में मील का पत्थर’, अंतरिक्ष से लौटने पर PM मोदी ने Shubhanshu Shukla को दी बधाई

15 जुलाई 2025 को, भारत ने एक ऐतिहासिक क्षण का जश्न मनाया जब ग्रुप कैप्टन Shubhanshu Shukla 18 दिनों तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर रहने के बाद सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर लौटे। इस उपलब्धि ने न केवल भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ा, बल्कि देश के अरबों लोगों के सपनों को भी नई उड़ान दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर शुभांशु शुक्ला की प्रशंसा करते हुए उन्हें साहस, समर्पण और प्रेरणा का प्रतीक बताया।

ऐतिहासिक मिशन और Shubhanshu Shukla की उपलब्धि

शुभांशु शुक्ला भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री हैं, जिन्होंने आईएसएस पर मिशन पूरा किया। यह मिशन, जिसे एक्सियॉम-4 (Ax-4) के नाम से जाना जाता है, भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक मील का पत्थर है। शुक्ला और उनकी टीम ने स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान के माध्यम से कैलिफोर्निया के तट पर 15 जुलाई 2025 को दोपहर 3:01 बजे IST पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की। इस मिशन के दौरान, उन्होंने विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोग किए और अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में भारत की उपस्थिति को और मजबूत किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में कहा, “मैं पूरे राष्ट्र के साथ ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का उनकी ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा से पृथ्वी पर लौटने पर स्वागत करता हूँ। भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का दौरा किया, उन्होंने अपने समर्पण, साहस और अग्रणी भावना के माध्यम से अरबों सपनों को प्रेरित किया है।”

Shubhanshu Shukla: देश की प्रतिक्रिया और भविष्य की संभावनाएँ

शुभांशु शुक्ला की वापसी पर देश भर में उत्साह का माहौल है। सोशल मीडिया पर लोगों ने उनकी इस उपलब्धि को ‘भारत का गौरव’ करार दिया। कई युवाओं ने इसे एक प्रेरणा के रूप में लिया और विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) क्षेत्रों में करियर बनाने की इच्छा जताई।

इसरो के प्रमुख ने भी इस अवसर पर कहा कि यह मिशन भारत के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसमें चंद्रयान, मंगलयान और अब मानव अंतरिक्ष मिशन शामिल हैं। भविष्य में, इसरो और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर भारत और अधिक मानवयुक्त मिशनों को अंजाम देने की योजना बना रहा है।