Madhya Pradesh Waterfalls: मानसून में जरूर देखने जाएं MP के ये 5 शानदार वॉटरफॉल, सुंदर नजारा देख दिल हो जाएगा खुश!

मानसून के मौसम में मध्य प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में बसे झरने अपनी पूरी खूबसूरती और ताकत से बहते हैं, जो किसी जादू से कम नहीं लगते। बारिश में इन झरनों की सुंदरता देखते ही बनती है और ये पर्यटकों को अपनी ओर खींचते हैं। यहां के कुछ प्रमुख और शानदार झरनों के बारे में जानिए, जो आपकी यात्रा को और भी खास बना सकते हैं:

1. बी फॉल, पचमढ़ी
पचमढ़ी में स्थित बी फॉल, जिसे राजाटोपा झरना भी कहा जाता है, लगभग 150 फीट की ऊंचाई से गिरता है। मानसून में यह झरना पूरी ताकत से बहता है और नीचे बना तालाब पर्यटकों को आकर्षित करता है। इस झरने की मधुमक्खी जैसी आवाज से इसका नाम “बी फॉल” पड़ा है।

2. धुआंधार वॉटरफॉल, भेड़ाघाट
जबलपुर जिले में स्थित धुआंधार वॉटरफॉल मध्य प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश के सबसे खूबसूरत झरनों में से एक माना जाता है। नर्मदा नदी का पानी जब चट्टानों से टकराता है, तो यह सफेद धुएं जैसी फुहारें बनाता है, जिससे इसे “धुआंधार” नाम मिला है।

3. पातालपानी वॉटरफॉल, इंदौर
विंध्याचल पर्वत की खूबसूरती में पातालपानी झरना एक और शानदार जगह है। यह झरना 300 फीट की ऊंचाई से गिरता है और मानसून में इसका दृश्य बेहद रोमांचक होता है। यह इंदौर से लगभग 30 किमी दूर मौजपुरी गांव में स्थित है।

4. चाचाई वॉटरफॉल, सीधी
चाचाई झरना मध्य प्रदेश का सबसे ऊंचा जलप्रपात है, जो 430 फीट की ऊंचाई से गिरता है। यह झरना सीधी जिले के कोलार गांव के पास स्थित है और मानसून में इसकी गर्जना और पानी की फुहारें बेहद आकर्षक होती हैं।

5. रीवा का बहुती जलप्रपात
रीवा का बहुती जलप्रपात 476 फीट की ऊंचाई से गिरता है, जो राज्य का सबसे ऊंचा जलप्रपात है। इसे देखने के लिए पर्यटक दूर-दूर से आते हैं और यहां की प्राकृतिक सुंदरता को देखते हैं। यह प्रपात मऊगंज घाटी के किनारे से गिरता है और बेलन नदी में मिल जाता है।