ईको फ्रेंडली फैशन : आमतौर पर नए फैशन पर्यावरण के लिए नुकसानदायक होते हैं, लेकिन भारत के पुराने पारंपरिक कपड़े आरामदायक और पर्यावरण के अनुकूल होते हैं। दिल्ली सरकार ने देश की पारंपरिक हैंडलूम कला को नए फैशन से जोड़कर बढ़ावा देने का फैसला किया है। इसके लिए खास वस्त्र कथा कार्यक्रम रखे जाएंगे, जिनमें पूरे देश के हैंडलूम निर्माता हिस्सा ले सकेंगे। इससे हैंडलूम उद्योग को मजबूती मिलेगी और पर्यावरण-friendly फैशन को बढ़ावा मिलेगा। यह कदम पर्यावरण की रक्षा और सांस्कृतिक धरोहर दोनों के लिए अच्छा होगा।
परंपरागत हैंडलूम और आधुनिक फैशन को जोड़ेगी दिल्ली सरकार
देश के मशहूर डिजाइनरों को इस योजना से जोड़ा जाएगा। लोग इन डिजाइनरों के कपड़े कम कीमत में खरीद पाएंगे। इससे लोगों को पारंपरिक भारतीय कपड़े पहनने का मौका मिलेगा और साथ ही भारतीय कामगारों को अच्छी आय भी मिलेगी। यह योजना परंपरागत फैशन को बढ़ावा देने और कामगारों की आर्थिक मदद करने में मददगार साबित होगी
दिल्ली खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड को 2026 तक मुनाफे में लाने का लक्ष्य
दिल्ली सरकार ने फैसला किया है कि वह दिल्ली खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड को 2026 तक मुनाफे में लाएगी। इसके लिए खादी और ग्रामोद्योग से जुड़े सामान को खास कार्यक्रमों के जरिए लोगों तक पहुंचाया जाएगा। ये प्रयास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘लोकल फॉर वोकल’ योजना के तहत किया जाएगा। इसका मकसद है स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना और कामगारों की मदद करना ताकि वे मजबूत बन सकें।
दिल्ली सरकार ने 6 अगस्त को राष्ट्रीय हैंडलूम दिवस घोषित किया
दिल्ली सरकार के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने मंगलवार को कहा कि 6 अगस्त को राष्ट्रीय हैंडलूम दिवस मनाया जाएगा। इस अवसर पर ‘वस्त्र कथा’ नाम का विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसमें देश के 20 से अधिक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की जीआईटैग प्राप्त कपड़ों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसमें दिल्ली के विभिन्न कॉलेजों के 150 छात्र हिस्सा लेंगे।