भारत का ईरान यात्रा को लेकर बड़ा फैसला, भारतीयों को सतर्क रहने की सलाह, जानें क्यों जारी की ऐसी एडवाइजरी

ईरान में स्थित भारतीय दूतावास ने मंगलवार देर रात भारतीय नागरिकों के लिए एक विशेष ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी में भारतीयों को ईरान की गैर-जरूरी यात्राओं से बचने की अपील की गई है, विशेषकर वर्तमान सुरक्षा परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए।

भारतीय दूतावास की सार्वजनिक चेतावनी

भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) के माध्यम से यह जानकारी साझा की। अपने बयान में दूतावास ने कहा, “बीते कुछ हफ्तों में ईरान में जो सुरक्षा संबंधी घटनाएं हुई हैं, उनको देखते हुए भारत सरकार सभी नागरिकों को सलाह देती है कि वे फिलहाल ईरान की अनावश्यक यात्राओं से परहेज करें।”

ईरान में मौजूद भारतीयों के लिए दिशा-निर्देश

जो भारतीय नागरिक इस समय ईरान में मौजूद हैं और भारत लौटना चाहते हैं, उन्हें सलाह दी गई है कि वे कमर्शियल फ्लाइट्स या नौका फेरी सेवाओं का उपयोग करके देश से बाहर निकलें। इसके साथ ही उन्हें दूतावास या स्थानीय भारतीय मिशन से लगातार संपर्क में रहने और जारी निर्देशों का पालन करने को कहा गया है।

ईरान-अमेरिका-इजराइल के बीच बढ़ता तनाव

यह एडवाइजरी ऐसे समय में जारी की गई है, जब ईरान, अमेरिका और इजराइल के बीच सैन्य तनाव लगातार बढ़ रहा है। हाल ही में ईरान पर इजराइली और अमेरिकी हमलों के कारण पूरे क्षेत्र में अशांति फैली हुई है, जिससे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।

ऑपरेशन सिंधु के तहत निकाले गए भारतीय

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने 18 जून को “ऑपरेशन सिंधु” शुरू किया था, जिसके तहत ईरान और इजराइल में फंसे 4,415 भारतीयों को सुरक्षित वापस लाया गया। यह ऑपरेशन उस समय शुरू किया गया था, जब इजराइल और ईरान के बीच युद्ध जैसे हालात बन गए थे और दोनों तरफ मिसाइल हमले हो रहे थे।

B-2 बॉम्बर से अमेरिका ने किया था हमला

13 जून को इजराइल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमले शुरू किए। इसके कुछ दिन बाद, 21 जून को अमेरिका ने B-2 बॉम्बर का इस्तेमाल करते हुए ईरान की फोर्डो, नतांज और इस्फहान न्यूक्लियर साइट्स पर हमला किया, जिसके बारे में कहा गया कि इन सुविधाओं को “तबाह” कर दिया गया है।

ईरान का जवाबी प्रहार और सीजफायर

इसके जवाब में ईरान ने कतर स्थित एक अमेरिकी एयरबेस पर मिसाइल दागे। दोनों देशों के बीच ये टकराव 12 दिनों तक चला। अंततः 24 जून को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सीजफायर की घोषणा की, जिससे संघर्ष को अस्थायी रूप से विराम मिला।

ईरान के धर्मगुरु का ट्रम्प और नेतन्याहू के खिलाफ फतवा

30 जून को ईरान के सबसे वरिष्ठ शिया धर्मगुरु ग्रैंड अयातुल्ला नासिर मकारिम शिराजी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ धार्मिक फतवा जारी किया। उन्होंने इन दोनों नेताओं को “अल्लाह का दुश्मन” करार दिया और दुनिया भर के मुसलमानों से एकजुट होकर इसका विरोध करने की अपील की।

फतवा में मोहरिब की सजा का जिक्र

अपने फतवे में मकारिम शिराजी ने कहा, “जो कोई भी ईरान के सर्वोच्च नेता या किसी मरजा को धमकाने या नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा, वह ‘मोहरिब’ यानी जंग को पसंद करने वाला अपराधी माना जाएगा।” फतवा एक इस्लामी विधिक राय होती है, जिसे “मरजा” यानी उच्चतम शिया धार्मिक पदाधिकारी द्वारा जारी किया जाता है। ईरान में इसका गहरा धार्मिक और सामाजिक प्रभाव होता है।