क्यों धारण किया था शिव ने योगेश्वर रूप? जानिए इसके पीछे की अनसुनी कथा

भगवान शिव को यूं तो संहार के देवता के रूप में जाना जाता है, लेकिन वे केवल विनाश के नहीं, बल्कि सृजन, ज्ञान और योग के भी प्रतीक हैं। उनके अनेक दिव्य स्वरूपों में से एक है योगेश्वर अवतार, जिसमें शिव केवल युद्ध नहीं बल्कि योग और साधना की पराकाष्ठा का भी प्रदर्शन करते हैं। आइए जानते हैं इस रहस्यमयी अवतार की कथा और इसका महत्व।

अंधकासुर से जुड़ी पौराणिक पृष्ठभूमि

पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, एक समय देवताओं को हिरण्याक्ष के पुत्र अंधकासुर के कारण भारी संकट का सामना करना पड़ा। अंधकासुर को यह वरदान प्राप्त था कि यदि उसके शरीर से रक्त की एक भी बूंद धरती पर गिरेगी, तो उससे हजारों नए असुर जन्म ले लेंगे। इस कारण उसे युद्ध में हराना लगभग नामुमकिन हो गया था। देवता लगातार हार का सामना कर रहे थे और आशंका बढ़ती जा रही थी कि असुर शक्ति से संपूर्ण सृष्टि संकट में पड़ सकती है।

जब शिव को देना पड़ा समाधान

देवताओं ने इस समस्या का हल खोजने के लिए ब्रह्मा और विष्णु की शरण ली। विचार-विमर्श के बाद निष्कर्ष निकला कि अंधकासुर को रोकने का उपाय केवल भगवान शिव ही कर सकते हैं। तब सभी देवता भगवान शिव के पास पहुंचे और उनसे सहायता की विनती की।

योगेश्वर अवतार की लीला

देवताओं की प्रार्थना सुनकर भगवान शिव ने एक विशेष रूप धारण किया जिसे योगेश्वर अवतार कहा गया। इस रूप में उन्होंने न केवल अपना वीर रूप दिखाया बल्कि अपनी योग-सिद्धियों का भी उपयोग किया।

शिव जी ने अपनी योगिक शक्ति से अनेक योगिनियों को उत्पन्न किया। ये योगिनियां इतनी तेज और शक्तिशाली थीं कि अंधकासुर के शरीर से बहने वाले रक्त की एक भी बूंद धरती पर गिरने नहीं देती थीं। वे तुरंत उस रक्त को पी जाती थीं, जिससे नए असुरों का जन्म रुक गया। अंततः अंधकासुर कमजोर पड़ गया और भगवान शिव ने उसका वध कर दिया।

योगेश्वर अवतार का आध्यात्मिक संदेश

इस अवतार से यह स्पष्ट होता है कि योग और साधना केवल आत्म-कल्याण का मार्ग नहीं, बल्कि संकटों से निपटने का भी सशक्त माध्यम है। भगवान शिव ने इस रूप में यह सिखाया कि केवल बाहुबल ही नहीं, बल्कि मानसिक और आत्मिक शक्ति भी बहुत महत्वपूर्ण होती है। योगेश्वर अवतार यह संदेश देता है कि ध्यान, संयम और आत्मबल से किसी भी बुराई को मात दी जा सकती है।

Disclaimer: यह लेख धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिषीय विश्वासों पर आधारित है। इसका उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी देना है।