लगातार बारिश से बिगड़े हालात, टीकमगढ़ कलेक्टर ने संभाला मोर्चा

टीकमगढ़ जिले में बीते एक सप्ताह से जारी भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। नदी-नाले उफान पर हैं और गांव-नगरों के तालाब खतरे की सीमा लांघने लगे हैं। ऐसे ही हालात पलेरा तहसील में सामने आए, जहां चंदेल कालीन ऐतिहासिक तालाबों के ओवरफ्लो होने की सूचना मिलने पर कलेक्टर विवेक श्रोतिय ने स्वयं फील्ड में उतरकर हालात का जायज़ा लिया।

स्कूलों में छुट्टी, फिर मौके पर पहुंचे कलेक्टर

गुरुवार रात और शुक्रवार सुबह की मूसलाधार बारिश के बाद हालात और बिगड़ने लगे थे। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए शुक्रवार सुबह जिले के सभी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया। तभी खबर मिली कि पलेरा नगर के प्रमुख तालाब खतरे की स्थिति में पहुंच चुके हैं। बिना देरी किए, कलेक्टर अपनी टीम के साथ जिला मुख्यालय से करीब 80 किलोमीटर दूर पलेरा पहुंचे।

पाटेश्वरी और बड़ी माता तालाब का किया निरीक्षण

पलेरा पहुंचते ही कलेक्टर ने नगर परिषद के अधीन आने वाले पाटेश्वरी तालाब और बड़ी माता मंदिर तालाब का गहन निरीक्षण किया। उन्होंने जलभराव वाले इलाकों में चल रहे जल निकासी कार्यों की समीक्षा की और मौके पर उपस्थित अधिकारियों व कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए कि “केवल दफ्तर में बैठकर काम नहीं चलेगा, अब फील्ड में उतरना होगा और लोगों के साथ खड़ा होना होगा।”

पुरैनिया गांव में चंदेलकालीन तालाब तक खुद पहुंचे

इसके बाद कलेक्टर पलेरा तहसील के अंतर्गत आने वाले पुरैनिया गांव पहुंचे, जहां एक चंदेलकालीन प्राचीन तालाब के भी ओवरफ्लो होने की आशंका जताई गई थी। यहां उन्होंने गांव की कीचड़ और पानी से भरी गलियों को पार करते हुए तालाब तक पहुंचकर स्थिति का निरीक्षण किया। उन्होंने संबंधित एजेंसी को निर्देश दिया कि अगर पानी बढ़ रहा है, तो उसकी निकासी का तुरंत उचित प्रबंध किया जाए।

स्थानीय लोगों से संवाद और त्वरित समाधान के निर्देश

निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने ग्रामीणों से सीधे संवाद किया, उनकी समस्याएं सुनीं और मौके पर ही तहसीलदार और एसडीएम को त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए।