डॉ. मनसुख मांडविया : केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि नशा और मोबाइल पर रील देखना दोनों नुकसानदायक हैं, इसलिए उनसे दूर रहना चाहिए। भारत को 2047 तक विकसित बनाने के लिए युवाओं को नशे और मोबाइल की आदत से बचाना होगा। उन्होंने युवा शिखर सम्मेलन में कहा कि युवाओं को बदलाव लाने वाला माना जाना चाहिए। नशा देश के लिए बड़ा खतरा है और इससे लड़ने के लिए हर व्यक्ति को दूसरों को भी जागरूक करना होगा, तभी यह अभियान सफल होगा।
भारत की 65% जनसंख्या की उम्र 35 वर्ष से कम
उन्होंने कहा कि 15 अगस्त 2022 को लाल किले से प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के 76वें स्वतंत्रता दिवस पर बात की थी। उन्होंने कहा था कि अगले 25 सालों में भारत को विकसित देश बनाना है। इसके लिए युवाओं की बहुत बड़ी भूमिका होगी क्योंकि देश की 65 प्रतिशत आबादी 35 साल से कम उम्र की है। इसलिए युवाओं को आगे आकर देश की तरक्की में मदद करनी चाहिए।
काशी घोषणा का विमोचन कर 20 जुलाई को सम्मेलन हुआ समापन
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दो दिन चलने वाला शिखर सम्मेलन महत्वपूर्ण चर्चाओं और अच्छे नतीजों तक ले जाएगा। यह सम्मेलन 20 जुलाई को काशी घोषणा के साथ खत्म होगा। काशी घोषणा एक दस्तावेज है जिसमें युवाओं और आध्यात्मिक नेताओं की सोच और जिम्मेदारी दिखती है। यह दस्तावेज नशा मुक्त भारत बनाने की योजना बताएगा और नीति बनाने वालों, समाज संगठनों और नशा मुक्ति में काम करने वाले युवाओं के लिए मार्गदर्शन करेगा।
गजेंद्र सिंह शेखावत बोले
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि भारत तेजी से विकसित देश बन रहा है। इस रास्ते में युवाओं की भूमिका बहुत जरूरी है। नशा विकास की बड़ी बाधा है। नशा सिर्फ व्यक्तिगत समस्या नहीं, बल्कि समाज की सोच को भी नुकसान पहुंचाता है। इस समस्या से लड़ने में युवाओं को आगे आना होगा। भारत एक साथ मिलकर आगे बढ़ रहा है और नशा मुक्त देश बनाने का संकल्प ले रहा है।