श्रावण मास की नागपंचमी पर उज्जैन के प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में भगवान श्री नागचंद्रेश्वर के दर्शन का दुर्लभ अवसर मिलेगा। मंदिर के पट 28 जुलाई की मध्यरात्रि 12 बजे से 29 जुलाई की रात 12 बजे तक पूरे 24 घंटे खुले रहेंगे। यह अवसर साल में सिर्फ एक दिन ही मिलता है, इसलिए लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है।
प्रशासनिक बैठक में तैयारियों की समीक्षा
गुरुवार को कलेक्टर कार्यालय के सभागार में नागपंचमी पर्व को लेकर एक अहम बैठक हुई। इसमें कलेक्टर रौशन कुमार सिंह, एसपी प्रदीप शर्मा, मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक और महंत विनीत गिरि मौजूद रहे। बैठक में दर्शन व्यवस्था, सुरक्षा और श्रद्धालुओं की सुविधाओं पर चर्चा की गई। कलेक्टर ने खासतौर पर एयरो ब्रिज की तकनीकी मजबूती की जांच कर उसका प्रमाण पत्र लेने के निर्देश दिए।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुविधाएं
भक्तों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मंदिर क्षेत्र में प्रकाश व्यवस्था, सफाई, पेयजल टैंकर्स, मोबाइल लॉकर, जूता स्टैंड, व्हीलचेयर, और फायर ब्रिगेड की व्यवस्था की जाएगी। पीएचईडी और नगर निगम की ओर से जगह-जगह पानी के पाइंट लगाए जाएंगे। साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती शिफ्टवार की जाएगी।
दर्शन मार्ग का होगा निर्धारण
श्रद्धालु कर्कराज पार्किंग में वाहन खड़ा करेंगे और भील समाज धर्मशाला में जूते उतारने के बाद लाइन में लगेंगे। दर्शन की लाइन गंगा गार्डन – चारधाम मंदिर – हरसिद्धि चौराहा – विक्रम टीला – बड़ा गणेश मंदिर होते हुए द्वार नंबर 4 तक पहुंचेगी, जहां से मंदिर में प्रवेश मिलेगा। दर्शन के बाद श्रद्धालु एयरो ब्रिज – विश्रामधाम रैंप – मार्बल गलियारा – हरसिद्धि धर्मशाला मार्ग से बाहर निकल सकेंगे।
सुरक्षा में कोई कसर नहीं
कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाए और मंदिर परिसर में बेरिकेडिंग का कार्य समय रहते पूरा हो। लोक निर्माण विभाग यह कार्य करेगा। भारी भीड़ को नियंत्रण में रखने के लिए अस्थायी पूछताछ केंद्र और खोया-पाया काउंटर भी स्थापित किए जाएंगे, ताकि किसी भी स्थिति में श्रद्धालुओं को परेशानी न हो।
प्रशासन की श्रद्धालुओं से अपील
प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वे निर्धारित मार्गों का पालन करें और धैर्य व श्रद्धा के साथ दर्शन करें। नागपंचमी पर होने वाला भगवान श्री नागचंद्रेश्वर का यह दुर्लभ दर्शन वर्ष में केवल एक बार ही होता है, इसलिए व्यवस्था बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है।